मुख्तार की कुर्क संपत्ति बचाने की कोशिश में फंसे उमर! मां के फर्जी दस्तखत पर पुलिस ने दबोचा
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मुख्तार की कुर्क संपत्ति बचाने की कोशिश में फंसे उमर! मां के फर्जी दस्तखत पर पुलिस ने दबोचा

UP Police Action on Umar Ansari: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी को गाजीपुर पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया है. उमर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी इनामी मां अफशां अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत में याचिका दायर की. मामले में वकील लियाकत अली भी आरोपी हैं.

उमर अंसारी (फाइल फोटो)
उमर अंसारी (फाइल फोटो)

Ghazipur News Today: पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के परिवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही हैं. इस बार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने शिकंजा उनके छोटे बेटे उमर अंसारी पर कसा है. गाजीपुर पुलिस ने उमर को इतवार (3 अगस्त) की देर रात लखनऊ के वीआईपी इलाके दारुलशफा से गिरफ्तार किया है. उस पर अपनी मां अफशां अंसारी के फर्जी हस्ताक्षर कर गाजीपुर की जिला अदालत में याचिका दायर करने का आरोप है.

पुलिस के मुताबिक, उमर अंसारी ने अपने पिता की कुर्क की गई संपत्ति को छुड़ाने के लिए अदालत में अर्जी दाखिल की थी. इसके लिए उन्होंने एक याचिका तैयार कर उसमें अपनी मां के नाम का जालसाजी से हस्ताक्षर कर दिया, जो इस वक्त 50 हजार की इनामी और वांछित हैं. अफशां अंसारी के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी है.

पुलिस ने किया बड़ा दावा

गाजीपुर के एसपी डॉ. ईरज राजा के मुताबिक, गैंगस्टर एक्ट के तहत मुख्तार अंसारी की जो संपत्ति कुर्क की गई थी, उसे छुड़ाने की कवायद के तहत यह फर्जीवाड़ा हुआ. उमर ने न्यायालय में जिस याचिका को दाखिल किया, उसमें अपनी मां अफशां अंसारी का फर्जी हस्ताक्षर कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश की.

एसपी डॉ. ईरज राजा ने बताया कि इस पूरे मामले की गहराई से जांच करने पर सामने पर कथित फर्जीवाड़ा सामने आया. मामला सामने आने के बाद मुहम्मदाबाद थाने में उमर अंसारी के खिलाफ IPC की कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक साजिश शामिल हैं.

उमर के वकील पर भी गिरी गाज

इस पूरे मामले में उमर अंसारी के साथ ही उनके अधिवक्ता लियाकत अली को भी बराबर का दोषी माना गया है. एफआईआर में साफ कहा गया है कि जिस याचिका में अफशां अंसारी के हस्ताक्षर हैं, वो संदिग्ध हैं. जब इन हस्ताक्षरों का मिलान पुराने दस्तावेजों से किया गया तो फर्क साफ नजर आया.

एफआईआर के मुताबिक, मेसर्स विकास कंस्ट्रक्शन नाम की कंपनी में अफशां अंसारी 60 फीसदी की पार्टनर हैं. पार्टनरशिप डीड पर मौजूद उनके हस्ताक्षर अदालत में जमा दस्तावेजों से बिल्कुल अलग पाए गए. पुलिस ने यह भी कहा है कि एक वांछित और इनामी महिला का इस तरह से खुद कोर्ट में दस्तावेज भेजना मुमकिन नहीं है. इससे यह साफ हुआ कि यह याचिका उमर और उनके वकील ने मिलकर आपराधिक षड्यंत्र के तहत दायर की.

क्या बोले वकील?

याचिका में उमर के वकील लियाकत अली ने यह भी लिखा था कि दस्तावेज अफशां अंसारी ने खुद हस्ताक्षर कर अपने बेटे उमर को दिए हैं, ताकि वह उन्हें कोर्ट में दाखिल करे. लेकिन पुलिस इसे झूठा और भ्रम फैलाने वाला दावा बता रही है. पुलिस ने कहा है कि जल्द ही अन्य पहलुओं की भी जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

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