धार्मिक स्थल बने VHP-बजरंग दल की जागीर; रोपवे से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने पर अड़े!
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धार्मिक स्थल बने VHP-बजरंग दल की जागीर; रोपवे से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने पर अड़े!

VHP-Bajrang Dal Protest on Maa Sharda Temple: मशहूर शारदा देवी मंदिर में VHP और बजरंग दल ने रोपवे से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की मांग की है. उनका आरोप है कि ये कर्मचारी धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन करते हैं. हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन को अल्टीमेटम दिया. ऐसे में यहां काम करने वाले गैर- हिंदू दहशत में हैं.

 

मैहर देवी मंदिर से गैर-हिंदुओं को हटाने का विवाद गहराया
मैहर देवी मंदिर से गैर-हिंदुओं को हटाने का विवाद गहराया

Maihar Devi Temple News Today: मध्य प्रदेश समेत पूरे देश के सबसे बड़ी अल्पसंख्यक आबादी को हर लिहाज से परेशान करने की साजिश की जा रही है. इतना ही नहीं कई जगहों पर मुसलमानों को आर्थिक तौर से भी कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. आलम यह है कि जिन धार्मिक जगहों पर मुसलमानों सालों से दूसरे संप्रदाय के लोगों की सेवा कर अपनी रोजी रोटी चलाते थे, वहां से उन्हें हटाने की मांग उठ रही है. 

उत्तर प्रदेश के हाथरस में बीते अप्रैल माह में एक कारीगर को मंदिर में वेल्डिंग करने से सिर्फ इसलिए रोक दिया गया क्योंकि वह मुस्लिम था. इसी तरह की मांग अब मध्य प्रदेश के सबसे मशहूर धार्मिक स्थलों में से एक शारदा देवी मंदिर के लिए की जा रही है. यह मांग कोई और नहीं बल्कि विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे हिंदूवादी संगठन कर रहे हैं.

यह पूरा मामला धार्मिक नगरी मैहर स्थित मां शारदा देवी मंदिर के रोपवे संचालन से जुड़ा हुआ है. वीएचपी और बजरंग ने रोपवे के संचालन से गैर-हिंदू कर्मचारियों को हटाने की मांग करते हुए प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. यह ज्ञापन विहिप और बजरंग दल के प्रतिनिधियों ने अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह को सौंपते हुए सात दिन की समयसीमा निर्धारित की है.

ज्ञापन में हिंदूवादी संगठनों ने आरोप लगाया कि मंदिर में काम करने वाले कुछ गैर-हिंदू कर्मचारी न सिर्फ धार्मिक मर्यादाओं का उल्लंघन कर रहे हैं, बल्कि पूर्व में यात्रियों से बदसलूकी और हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं को परेशान करने जैसी घटनाओं में भी शामिल रहे हैं. वीएचपी और बजरंग दल ने दावा किया कि साल 2023 में धर्मस्व विभाग के जरिये ऐसे कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी किया गया था, लेकिन प्रशासन की लापरवाही की वजह से आज तक उस आदेश का पालन नहीं हुआ.

बजरंग दल ने धमकी दी है कि अगर सात दिनों के भीतर रोपवे से गैर-हिंदू कर्मचारियों को नहीं हटाया गया तो वे उग्र आंदोलन शुरू करेंगे. जिसकी पूरी जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी. वीएचपी और बजरंग दल ने एक विशेष तबके को निशाना बनाते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों पर तैनात कर्मचारियों को उस स्थल की धार्मिक परंपराओं और आस्थाओं का सम्मान करना चाहिए.

ज्ञापन सौंपने के दौरान विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य हिंदू संगठनों के कई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौके पर मौजूद रहे. इस मामले को लेकर क्षेत्र में प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर बहस तेज हो गई है. अब निगाहें प्रशासन के अगले फैसले पर टिकी हैं क्या वह हिंदूवादी संगठनों के आगे घुटने टेककर मानवीय संवेदनाओं और धार्मिक मूल्यों से परे हटकर फैसला लेगा, जिसकी वजह से कई परिवारों की रोजी रोटी चल रही है.

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