Barabanki: मस्जिदें ढहाईं, मजारें तोड़ीं; अब कब्रिस्तान के सामने शिफ्ट कर दी शराब की दुकान; जानें पूरा मामला
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Barabanki: मस्जिदें ढहाईं, मजारें तोड़ीं; अब कब्रिस्तान के सामने शिफ्ट कर दी शराब की दुकान; जानें पूरा मामला

Barabanki Muslim Cemetery Controversy: बाराबंकी में कल उस समय अफरा तफरी मच गई, जब एक ठेकेदार ने जिला प्रशासन की इजाजत से कब्रिस्तान के सामने ही शराब की दुकान खोल ली. यह देखकर गांव के सभी संप्रदाय के लोग भड़क और मौके पर पहुंच कर विरोध करना शुरू कर दिया. 

 

प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

Barabanki News Today: उत्तर प्रदेश में हालिया दिनों में मुस्लिम समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है. योगी सरकार के आदेश पर प्रदेश के कई जिलों में मस्जिद, मदरसे, ईदगाह और मजारों को सील कर दिया या फिर बुलडोजर से ढहा दिया गया. लगातार मुस्लिम समुदाय के धार्मिक स्थलों और मदरसों को निशाना बनाए जाने को लेकर सवाल भी खड़े होते रहे हैं. प्रदेश सरकार की इस कार्रवाई से बाराबंकी जिला अछूता नहीं रहा है. 

वहीं, बाराबंकी जिला मुसलमानों की कब्रिस्तान की बेहुरमती करने को लेकर एक बार फिर सुर्खियों में हैं. दरअसल, जिला प्रशासन के आदेश बाराबंकी जिले के बान्सा-सफदरगंज रोड पर स्थित गांव चक मजरा रेहरामऊ में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब देसी शराब की एक दुकान को उसकी पुरानी जगह से हटाकर कब्रिस्तान के ठीक सामने शिफ्ट कर दिया गया. 

इस बात से नाराज सैकड़ों मर्द और औरतों ने मिलकर सड़क जाम कर दिया और दुकान का शटर बंद करके विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया. इस प्रदर्शन में न सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे बल्कि उनके साथ दूसरे धर्म के लोग भी कंधे से कंधा मिलाकर विरोध प्रदर्शन में शामिल नजर आए. कब्रिस्तान के सामने शराब की दुकान शिफ्ट कराने को लेकर स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. 

मिली जानकारी के अनुसार, गांव चक में पिछले काफी समय से योगेंद्र वर्मा के बाजार में अविनाश जायसवाल के नाम से लाइसेंस वाली शराब की दुकान चल रही थी. अब आबादी के अंदर एक मैरिज लॉन बन जाने की वजह से अविनाश जायसवाल ने अपनी शराब की दुकान को गांव में मुस्लिम कब्रिस्तान के सामने अरविंद की दुकान में स्थानांतरित कर दिया. जैसे ही यह नई दुकान खुली बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मौके पहुंचकर हंगामा करना शुरू कर दिया.

प्रदर्शन की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. इसके बाद आनन फानन में मौके पर इंस्पेक्टर इंचार्ज अरुण प्रताप सिंह और आबकारी इंस्पेक्टर राम श्याम त्रिपाठी पहुंचे. उन्होंने ग्रामीणों को शांत करने के लिए लाइसेंस वाली दुकान को अगले एक हफ्ते तक पुरानी जगह पर ही चलाने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि इस दौरान आम लोगों की राय ली जाए और उनकी सहमति से दुकान के लिए कोई नई जगह तलाशी जाए. 

पुलिस और आबकारी विभाग के अधिकारियों के इस आश्वासन के बाद ही ग्रामीण शांत हुए और स्थिति को काबू में किया जा सका. गांव वालों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत भी दी है, जिसमें उन्होंने शराब की दुकान को आबादी से बाहर स्थानांतरित करने की अपील की है. इस विरोध प्रदर्शन के दौरान राहुल गुप्ता, साबिर अबुल हसन, रजिया बानो, अजीमुद्दीन, सालेहा खातून, जमीरुननिसा, मोहम्मद आलम सहित कई अन्य ग्रामीण मौजूद थे.

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