Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना की पार्टी 'अवामी लीग' ने देश में चरंपंथी ताकतों में बढौतरी और देश में लोकतंत्र खत्म होने का आरोप लगाया है. साथ ही बांग्लादेश की अंकरिम सरकार के चीफ एडवाइजर मोहम्मद यूनुस पर कई गंभीर आरोप लगाया है. इसके साथ ही अवामी लीग ने 21 मांगे रखी है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Trending Photos
Bangladesh News: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग ने मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और बांग्लादेश में "चरमपंथी सांप्रदायिक ताकतों की बढ़ौतरी से देश में उत्पात फैलने का डर जताया है. साथ ही अवामी लीग ने बांग्लादेश में "सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक संकट" को दूर करने और लोकतांत्रिक राज्य व्यवस्था को बहाल करने के लिए 21 माँगें उठाई हैं.
अवामी लीग ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बांग्लादेश सांप्रदायिक ताकतों के उत्पात से संकट में है और युद्ध क्षेत्र की तरह लहूलुहान हो गया है. अवामी लीग ने कहा कि बांग्लादेश का निर्माण 'बंगबंधु' शेख मुजीबुर रहमान की अगुवाई में मुक्ति संग्राम में विजय के बाद हुआ था, "चरमपंथी सांप्रदायिक-आतंकवादी ताकतों" के उत्पात से बांग्लादेश तबाह हो रहा है.
अवामी लीग ने कहा कि बांग्लादेश में लोकतंत्र खत्म हो गया है और यहां मानवाधिकारों का हनन हो रहा है. पार्टी ने दावा किया कि बांग्लादेश में मीडिया की आज़ादी खत्म हो गई है और महिलाओं के खिलाफ हिंसा, हमले और बलात्कार बड़े पैमाने पर हो रहे हैं. लोगों का जीवन और संपत्ति असुरक्षित है; मज़हबी अल्पसंख्यकों को उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है; कानून-व्यवस्था ध्वस्त हो गई है.
अवामी लीग ने की ये मांग
अवामी लीग ने बांग्लादेश की अवाम से संविधान बचाने का आह्वान किया है. पार्टी ने बांग्लादेश की अवाम से अपील की है कि वह यूनुस सरकार के खिलाफ एकजूट होकर अपने देश के संसाधनों के विदेशी हाथों में जाने से बचाए.
अवामी लीग ने अपने 21 माँगों में यूनुस का तत्काल इस्तीफ़ा, "फ़ासीवादी शासन" का अंत की मांग की है. बांग्लादेश में लोकतंत्र की बहाली की मांग की गई है. साथ ही न्यायाधीश ओबिदुल हसन और इनायतुर रहीम के आवासों पर भीड़ द्वारा किए गए हमलों को मोहम्मद यूनुस के जरिए संविधान के उल्लंघन के तहत जांच की मांग की है.
इन मांगों में शेख हसीना, शेख रेहाना, साजिब वाजेद जॉय और बंगबंधु परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ सभी "राजनीति मालमों को वापस लेने की मांग की गई है. इसके अलावा अवामी लीग और सहयोगी दलों के सभी गिरफ्तार नेताओं, कार्यकर्ताओं को बिना शर्त रिहाई की भी माँग की गई है.