Iran News: ईरान ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन से अपील की है कि वह हमलों की साफ तौर पर निंदा करे. इसके पीछे मुस्लिम मुल्क ने कई बड़ी दलील दी हैं. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें.
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Iran News: ईरान ने वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के चीफ टेड्रोस अदनोम घेबरेयेसुस से अपील की है कि वे इज़राइल और अमेरिका के जरिए नागरिकों और स्वास्थ्य सेवाओं पर किए गए हमलों की साफ और सख्त निंदा करें और इन देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत जिम्मेदार ठहराया जाए.
27 जून को, जिनेवा में युनाइटेड नेशन्स और दूसरे इंटरनेशनल संगठनों के लिए ईरान के स्थायी मिशन ने WHO के चीफ को एक पत्र लिखा. इसमें कहा गया कि 13 जून से 24 जून 2025 तक इज़राइल और अमेरिका ने ईरान पर जानबूझकर हमले किए.
इन हमलों में 627 लोगों की मौत हुई, जिनमें महिलाएं, बच्चे और मेडिकल स्टाफ भी शामिल हैं. 4,935 लोग घायल हुए, जिनमें ईरानी रेड क्रेसेंट सोसाइटी (IRCS) के 29 राहतकर्मी भी शामिल हैं.
ईरान ने WHO से अपील की कि वह इन जानबूझकर किए गए हमलों की सख्त निंदा करे. इज़राइल को इन कथित युद्ध अपराधों के लिए जिम्मेदार ठहराए और ऐसे हमलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए.
पत्र में कहा गया कि ये हमले नागरिकों, महिलाओं, बच्चों, स्वास्थ्यकर्मियों और जरूरी सुविधाओं पर थे, जो इंटरनेशनल कानून के तहत वॉर क्राइम माने जाते हैं.
इन अस्पतालों को पहुंचा नुकसान
1. हकीम चिल्ड्रन हॉस्पिटल (तेहरान)
2. लब्बाफी-नेजाद हॉस्पिटल (तेहरान)
3. फाराबी हॉस्पिटल (करमनशाह)
4. मियानराहन शहर का हेल्थ सेंटर
5. ग़स्र-ए-शिरीन पुनर्वास केंद्र
6. ईरानी रेड क्रेसेंट सोसाइटी का मुख्यालय (तेहरान)
7. 11 एंबुलेंस और अन्य मेडिकल व नागरिक ठिकाने
ईरान ने बताया कि अमेरिका और इज़राइल ने IAEA (अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी) के जरिए निगरानी में रखे गए ईरान के परमाणु ठिकानों पर भी हमले किए, जो रेडिएशन खतरे और नागरिकों की जान जोखिम में डालने के बराबर हैं. बता दें, इस जंग में इजराइल में लोगों के घरों का भी काफी नुकसान हुआ था. हालांकि मौत का आंकड़ा 28 ही रहा था.