BRICS देशों समर्थन मिलते ही फायर हो गया ईरान, US-इजरायल को दे डाली चेतावनी
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BRICS देशों समर्थन मिलते ही फायर हो गया ईरान, US-इजरायल को दे डाली चेतावनी

Iran News: ब्रिक्स+ देशों ने ईरान के परमाणु और नागरिक ठिकानों पर हो रहे हमलों पर गंभीर चिंता जताई है. समूह ने एक बयान जारी कर कहा, "हम नागरिक बुनियादी ढांचे और शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर जानबूझकर किए जा रहे हमलों को लेकर बेहद चिंतित हैं." इस प्रतिक्रिया के बाद ईरान ने इजरायल को चेतावनी दी है.

BRICS देशों समर्थन मिलते ही फायर हो गया ईरान, US-इजरायल को दे डाली चेतावनी

Iran News: इजरायल ने 13 जून को ईरान के न्यूक्लियर फैसिलिटी और कई सैन्य अड्डो पर भीषण बमबारी की थी. इस बमबारी में कम से कम 900 लोगों की मौत हुई थी. इस हमले के बाद ईरान ने जवाबी कार्रवाई करते हुए इजरायल पर हमला बोल दिया.13 दिनों के संघर्ष के बाद दोनों देशों के बीच युद्ध विराम की घोषणा की गई. अब ईरान वैश्विक मंच से इजरायल को घेरने की कोशिश कर रहा है. इसी कड़ी में ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान पर हमले के लिए इजरायल को जवाबदेह नहीं ठहराया गया, तो “पूरे क्षेत्र और उससे परे को नुकसान होगा.

ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में एक भाषण में अराघची ने कहा, “हमारे न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिका-इजरायल के हमले एनपीटी (परमाणु अप्रसार संधि) और यूएनएससी संकल्प 2231 का सरासर उल्लंघन है, जिसने 2015 में ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को सर्वसम्मति से समर्थन दिया है. इस भाषण का हवाला सरकारी प्रेस टीवी ने दिया. 

ईरान ने अमेरिका पर लगाया बड़ा इल्जाम
ईरान ने अमेरिका और इजरायल पर बड़ा इल्जाम लगाते हुए कहा है कि उसके शांतिपूर्ण न्यूक्लियर फैसिलिटी पर हो रहे हमलों में अमेरिका भी पूरी तरह शामिल है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने कहा कि इन हमलों में अमेरिका की संलिप्तता साफ तौर पर दिखाती है कि इजरायल के आक्रामक युद्ध में अमेरिकी सरकार भी शामिल है. यह बयान ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स+ देशों की बैठक के दौरान आया, जहां ईरान को 11 सदस्य देशों के समूह का समर्थन मिला.

ब्रिक्स+ देशों ने ईरान पर हमले की निंदा की
समूह ने ईरान के सैन्य, परमाणु और अन्य ठिकानों पर हाल ही में हुए हवाई हमलों की कड़ी निंदा की. ब्रिक्स+ देशों ने अपने संयुक्त बयान में अमेरिका और इजरायल का नाम लिए बिना कहा, "हम 13 जून 2025 से इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान के खिलाफ सैन्य हमलों की निंदा करते हैं. ये हमले अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन हैं." यह समर्थन ईरान के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अमेरिका और इजरायल पर दबाव बढ़ सकता है और पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव को लेकर चिंताएं गहरा सकती हैं.

ईरान को मिला ब्रिक्स का साथ
ब्रिक्स+ देशों ने ईरान के परमाणु और नागरिक ठिकानों पर हो रहे हमलों पर गंभीर चिंता जताई है. समूह ने एक बयान जारी कर कहा, "हम नागरिक बुनियादी ढांचे और शांतिपूर्ण परमाणु प्रतिष्ठानों पर जानबूझकर किए जा रहे हमलों को लेकर बेहद चिंतित हैं." इस प्रतिक्रिया को ईरान की कूटनीतिक जीत माना जा रहा है, खास तौर पर ऐसे समय में जब इजरायल ने लगातार 12 दिनों तक बमबारी की और अमेरिका ने भी नतांज, फोर्डो और इस्फ़हान जैसे प्रमुख परमाणु ठिकानों पर हमला किया. इस मुद्दे पर अब तक ईरान को बहुत कम अंतरराष्ट्रीय समर्थन मिला था, लेकिन ब्रिक्स+ देशों के इस कड़े बयान ने ईरान को वैश्विक मंच पर समर्थन तो दिया ही है, साथ ही अमेरिका-इजरायल पर दबाव भी बढ़ा दिया है.

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