Iran Cyber Attack on US: अमेरिका ने बीते माह 22 जून को ईरान को तीन महत्वपूर्ण परमाणु ठिकानों पर हमला किया था. ट्रंप प्रशासन के इस हमले की पूरी दुनिया ने निंदा की थी और इसे ईरान के संप्रभुता पर हमला बताया था. वहीं, अब ईरान के एक हैकर्स ग्रुप मे अमेरिकी खुफिया फाइलों के हैक करने का दावा किया है.
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Iran Cyber Attack: ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव थमने का नाम नहीं ले रहा है. एक ईरानी हैकिंग ग्रुप ने अमेरिका पर बड़ा साइबर हमला करने की धमकी दी है. ग्रुप का दावा है कि उसके पास 100 गीगाबाइट ईमेल डेटा है, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सलाहकारों और सहयोगियों के बीच हुई बातचीत शामिल है. ईरानी हैकिंग ग्रुप के इस धमकी के बाद अमेरिकी सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है.
हैकिंग ग्रुप ने कहा है कि ये ईमेल रोजर स्टोन, सूसी विल्स और ट्रंप की वकील लिंडसे हॉलिगन से जुड़े हुए हैं. इसके अलावा ग्रुप ने एडल्ट फिल्म अभिनेत्री स्टॉर्मी डेनियल्स के ईमेल अकाउंट तक पहुंच होने का भी दावा किया है, जिन्हें ट्रंप के जरिये 1.3 लाख डॉलर देकर चुप रहने के लिए भुगतान किया गया था.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, ये हैकर्स, रॉबर्ट नाम के फर्जी पहचान के तहत काम कर रहे हैं. उन्होंने अब तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि ईमेल की सामग्री क्या है या वे कब इसे सार्वजनिक करेंगे. हालांकि, यह ग्रुप इससे पहले भी 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों से पहले कुछ डेटा जारी कर चुका है.
हैकर्स का कहना है कि उनकी पहले ईमेल लीक करने की कोई योजना नहीं थी. लेकिन हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिन तक चली जंग और उस दौरान अमेरिका के जरिये ईरान के तीन परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम गिराए जाने के बाद उन्होंने अपना फैसला बदल दिया है. ईरानी हैकिंग ग्रुप के इस दावे के बाद फाइलों को लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो गया है.
बता दें, 22 जून को अमेरिकी एयरफोर्स ने ईरान के तीन महत्पूर्ण परमाणु ठिकानों पर भारी बमबारी की थी. इस हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बाद दावा किया था कि ईरान का परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह नष्ट हो गया है. हालांकि, ट्रंप के दावों के उलट IAEA के प्रमुख ने आशंका जताई कि ईरान आने वाले कुछ माह में फिर से यूरेनियम संवर्धन (Uranium Enrichment) शुरू कर सकता है.
हिंदुस्तान में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, इससे पहले साल 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भी जो बाइडन प्रशासन ने इस तरह फाइलें लीक होने का दावा किया था. इस दौरान पूर्व बाइडन प्रशासन ने इसके पीछे ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स के तीन सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि ईरान ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया था.