Israel और Iran में क्या फिर छिड़ेगी जंग, कब होगा अगला हमला?
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Israel और Iran में क्या फिर छिड़ेगी जंग, कब होगा अगला हमला?

Israel and Iran War Possibilityइज़राइल-ईरान युद्ध के बाद तनाव फिर बढ़ा है, नेतन्याहू ने और हमले के संकेत दिए हैं. इज़राइल ने ईरानी सैन्य ठिकानों और अधिकारियों को निशाना बनाया था, इसका ईरान ने बखूबी जवाब दिया था. विशेषज्ञ मानते हैं कि परमाणु समझौता न होने पर जंग की संभावना फिर से बढ़ सकती है.

Israel और Iran में क्या फिर छिड़ेगी जंग, कब होगा अगला हमला?

Israel and Iran War Possibility: 12 दिन के इज़राइल-ईरान युद्ध के बाद इज़राइल ने इसे अपनी बड़ी जीत बताया है. इज़राइली सरकार का कहना है कि इस जंग में कई ईरानी मिलिट्री लीडर्स की मौतें हुईं, ईरान के डिफेंस सिस्टम को नुकसान पहुंचा और अमेरिका को ईरान के फ़ोर्डो न्यूक्लियर साइट पर हमला करने के लिए तैयार किया गया. अब कई जियोपॉलीटिक्स के जानकारों का मानना है कि ईरान और इजराइल के बीच फिर से तनातनी हो सकती है.

पीएम नेतन्याहू ने जंग के क्या दिए संकेत?

प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने साफ कर दिया कि वह अभी पीछे हटने के मूड में नहीं हैं. उन्होंने कहा,"मेरा ब्रेक लगाने का कोई इरादा नहीं है." जानकारों की मानें तो, इज़राइल अब अगली बार ईरान पर और ज़्यादा जोरदार हमला करने का मौका ढूंढ़ रहा है, जिसका मकसद इस्लामिक रिपब्लिक को कमजोर करना या सत्ता से हटाना हो सकता है. हालांकि, ऐसा करने के लिए उसे अमेरिका की इजाजत चाहिए होगी, जो इस समय मिलना आसान नहीं है.

इजराइल और ईरान जंग में कितना नुकसान हुआ था?

जून के मध्य में हुए अचानक इज़राइली हमले से शुरू हुए युद्ध में 1,000 से ज़्यादा ईरानी और 29 इज़राइली नागरिक मारे गए. इज़राइल ने इसे आत्मरक्षा में किया गया हमला बताया, जबकि ईरान ने कहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम पूरी तरह शांतिपूर्ण है.

ईरान ने इजराइल को वॉर्निंग दी थी

ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेज़ेश्कियान ने कहा कि फिलहाल चलने वाला सीजफायर कब तक चलेगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है. उन्होंने कहा, "हम किसी भी नए इज़राइली हमले के लिए पूरी तरह तैयार हैं और हमारी सेनाएं फिर से इज़राइल के अंदर हमला कर सकती हैं.

इजराइल और ईरान जंग की क्या थी वजह?

हालांकि इज़राइल ने दावा किया कि उसने न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया, लेकिन जंग के दौरान ज़्यादातर हमले ईरान के टॉप मिलिट्री और सरकारी अधिकारियों पर हुए. इससे साफ होता है कि मकसद केवल परमाणु प्रोग्राम नहीं था, बल्कि ईरानी शासन को कमजोर करना भी था.

इजराइल और ईरान के बीच कब हो सकती है जंग?

संभावना जताई जा रही है कि अगर अगस्त तक नया परमाणु समझौता नहीं होता, तो अमेरिका और यूरोपीय देश ईरान पर फिर से सख्त प्रतिबंध लगा सकते हैं. इससे ईरान नाराज़ होकर न्यूक्लियर नॉन-प्रोलिफेरेशन ट्रीटी (NPT) से बाहर आ सकता है, जो इज़राइल को हमला करने का राजनीतिक बहाना दे सकता है.

हालांकि, ईरान पर फिर से हमला करने के लिए इज़राइल को अमेरिका, और खासकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मंज़ूरी लेनी होगी, जो फिलहाल सीरिया पर इज़राइली हमलों से काफी फिक्रमंद हैं.

इजराली खुफिया ऑपरेशन

भले ही अभी बड़ा हमला न हो, लेकिन The New York Times की रिपोर्ट के मुताबिक, इज़राइल पहले से ही ईरान में खुफिया ऑपरेशन चला रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों में आगजनी और धमाकों की घटनाओं के पीछे इज़राइल का हाथ बताया गया है. इनमें रिहायशी इमारतों, ऑयल रिफाइनरी, हवाई अड्डे और फैक्टरी शामिल हैं.

एक्सपर्ट ओरी गोल्डबर्ग के मुताबिक, इज़राइल ने ईरान में इतनी गहराई तक अपना नेटवर्क फैला लिया है कि उसे वक्त-वक्त पर "सक्रिय" रखना ज़रूरी होता है. यही वजह है कि वह छोटे हमलों के जरिए ईरान को याद दिलाता है कि वह कहीं भी हमला कर सकता है.

इजराइल और ईरान के बीच क्या फिर से जंग हो सकती है?

जानकारों के मुताबिक, नेतन्याहू अब किसी भी सीमा तक जाकर ईरान, सीरिया, लेबनान और यहां तक कि यमन पर भी हमला करने को तैयार हैं. भले ही अमेरिका इसे नापसंद करे. नेगर मर्ताज़वी, जो अमेरिका के Center for International Policy से जुड़ी हैं, उन्होंने कहा कि ईरान को पता है कि इज़राइल दोबारा हमला कर सकता है, लेकिन वह अब इसके लिए तैयार है. साथ ही, वह परमाणु समझौते के ज़रिए कूटनीतिक समाधान की भी उम्मीद बनाए हुए है.

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