AIMPLB Protest: AIMPLB ने वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है. शांतिपूर्ण विरोध और सुप्रीम कोर्ट में चुनौती की तैयारी. पूरी खबर पढ़ने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Trending Photos
Waqf Act 2025: ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने केंद्र सरकार के वक्फ संशोधन कानून 2025 के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन छेड़ने का ऐलान किया है. मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि जब तक यह कानून पूरी तरह से रद्द नहीं हो जाता, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा.
AIMPLB ने एनडीए के उन सहयोगी दलों, जैसे जेडीयू, टीडीपी और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की भी आलोचना की है जिन्होंने संसद में इस बिल का समर्थन किया. AIMPLB ने कहा कि इन दलों ने भाजपा के "सांप्रदायिक एजेंडे" का साथ देकर अपने "धर्मनिरपेक्ष चेहरे" को उजागर कर दिया है.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का बड़ा ऐलान
शनिवार को मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में यह फैसला लिया गया. AIMPLB ने मुस्लिम समुदाय को भरोसा दिलाया कि घबराने की जरूरत नहीं है और नेतृत्व संविधान के दायरे में रहकर आंदोलन चलाएगा. बोर्ड के महासचिव मौलाना मोहम्मद फ़ज़लुर्रहिम मोजद्दिदी ने बताया कि इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी और साथ ही कानूनी, लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से विरोध किया जाएगा. इन तरीकों में काली पट्टी पहनना, धरने, प्रेस कॉन्फ्रेंस, और राउंडटेबल मीटिंग्स शामिल होंगी.
हर राज्य में मुस्लिम नेता देंगे प्रतीकात्मक गिरफ्तारी
हर राज्य की राजधानी में मुस्लिम नेता प्रतीकात्मक गिरफ्तारी देंगे और जिला स्तर पर प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे. इन विरोधों के आखिर में राष्ट्रपति और गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा. आंदोलन का पहला चरण एक हफ्ते तक चलेगा, एक शुक्रवार से अगले शुक्रवार तक, जिसे "वक्फ बचाओ, संविधान बचाओ" सप्ताह के रूप में मनाया जाएगा. इस दौरान दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद, बेंगलुरु, पटना, चेन्नई, विजयवाड़ा, मलप्पुरम, रांची, मलेरकोटला और लखनऊ जैसे शहरों में बड़े विरोध कार्यक्रम होंगे। पहला बड़ा कार्यक्रम दिल्ली के टाकटोरा स्टेडियम में होगा.
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने की ये अपील
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम युवाओं से अपील की कि वे संयम रखें और भावनाओं में बहकर कोई ऐसा कदम न उठाएं जिससे सांप्रदायिक ताकतों को फायदा मिले. वहीं, शुक्रवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विवादित वक्फ संशोधन बिल और मुसलमान वक्फ (निरसन) बिल को मंजूरी दे दी थी. संसद में इस बिल को लेकर 13 घंटे से ज्यादा बहस हुई, जहां विपक्ष ने इसे "संविधान विरोधी और मुस्लिम विरोधी" बताया, जबकि सरकार ने इसे "ऐतिहासिक सुधार" बताया.