Sambahal Masjid: शाही जामा मस्जिद को अब मस्जिद भी नहीं बोला जा सकेगा; कोर्ट ने दिया ये आदेश!
Sambahal Masjid: संभल मस्जिद को सुनवाई के दौरान विवादित ढांचा बोले जाने वाली अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Sambahal Masjid: उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद से जुड़ी एक याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने हिंदू पक्ष के हक में बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने मस्जिद की जगह विवादित ढांचा शब्द का इस्तेमाल करने का आदेश दिया है. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला?
दरअसल, हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि मस्जिद की जगह पर विवादित ढांचा शब्द का इस्तेमाल किया जाए. वकील ने कोर्ट में दलील दी कि बाबरी मस्जिद केस में भी विवादित ढांचा शब्द का इस्तेमाल किया जाता था, इसलिए इस केस में भी विवादित ढांचा शब्द का इस्तेमाल किया जाए. इसके बाद कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए विवादित ढांचा शब्द इस्तेमाल करने को कहा.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में क्या हुआ
हिंदू पक्ष के सीनियर वकील हरिशंकर जैन ने दलील देते हुए कहा कि पिछले साल के नवंबर महीने में मुस्लिम पक्ष के तरफ से सीविल जज चंदौसी के फैसले की करेक्शन के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें शाही जामा मस्जिद को कुछ लोगों ने जामा मस्जिद कुछ ने जामिया मस्जिद तो कुछ ने जुमा मस्जिद बताया था.
कोर्ट ने अपनी ऑर्डर में मस्जिद की जगह विवादित ढांचा लिखने का दिया आदेश
वकील हरिशंकर जैन ने कहा कि जब-तक मस्जिद का नाम क्लियर नहीं हो जाता है, तब-तक मस्जिद को विवादित ढांचा बोला जाए. हिरशंकर अपने दलील में बाबरी मस्जिद केस का जिक्र करते हुए कहा कि कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाबरी मस्जिद को भी विवादित ढांचा बोला जाता था. हरिशंकर जैन की दलीलों को सुनने के बाद जस्टिस रंजन अग्रवाल ने अपनी ऑर्डर में जामा मस्जिद को विवादित ढांचा लिखवाया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मामले की अगली सुनवाई 10 मार्च को होगी.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णुशंकर जैन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जब-तक मामला कोर्ट में है, और यह साबित नहीं हो जाता कि विवादित ढांचा मस्जिद है या मंदिर तब-तक शाही जामा मस्जिद को विवादित ढांचा बोला जाए.
मस्जिद में रंगाई-पुताई के लिए नहीं मिली इजाजत
गौरतलब है कि पिछले दिनों मुस्लिम पक्ष ने हाई कोर्ट से शाही जामा मस्जिद में रंगाई-पुताई करने की मांग की थी. मुस्लिम पक्ष की अपील पर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ASI को मस्जिद की स्थिति को देख कर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था. ASI ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मस्जिद में रंगाई-पुताई की कोई जरूरत नहीं है. साथ ही रिपोर्ट में यह भी जिक्र किया था कि मस्जिद में घास उग गए है, जिसके बाद हाई कोर्ट ने ASI को ऑर्डर देते हुए कहा कि मस्जिद में तुरंत साफ-सफाई कराई जाए. हालांकि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की रंगाई-पुताई वाली अपील को मानने से इंकार कर दिया था.
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