Pakistan News: यूएनएचआरसी की 58 वीं बैठक में भारत के जम्मू-कश्मीर के रहने वाले मानवाधिकार कार्यकर्ता जावेद अहमद ने पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई माइनॉरिटी ग्रुप पर हो रहे हमलों और घृणा पूर्व व्यवहार के खिलाफ आवाज उठाई है. इस घटना के बाद पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती हो गई है. पूरी खबर जानने के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Pakistan News: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की खराब स्थिति जग जाहिर है. वहां से मुसलसल किसी न किसी माइनॉरिटी ग्रुप को दबाने और उनपर हमले की खबर सामने आती रहती है. इस बीच भारत के जम्मू-कश्मीर का रहने वाला एक राजनैतिक-सामाजिक और मानवाधिकार कार्यकर्ता ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद् में पाकिस्तान के माइनॉरिटी की हक की आवाज को बुलंद किया है. उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई समुदाय के अल्पसंख्यकों के साथ होने वाले जुल्म और घिनौने व्यवहार की घटनाओं का जिक्र यूएनएचआरसी के मंच पर कर दिया है. इस घटना के बाद पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर पोल खुल गई है.
UNO में पाकिस्तान का बैंड बजाता हुआ एक कश्मीरी
कश्मीरी है, मुसलमान है, तो ज़रूर पाकिस्तान परस्त होगा. ये एक आम मिस कन्सेप्शन है, जो देश के एक बड़ी आबादी के दिमाग में बैठा है. लेकिन इस विडियो में देखें एक कश्मीरी जावेद अहमद बेग कैसे UNO में पाकिस्तान को धो रहा है.
आप भी सुने.. pic.twitter.com/K1QZD6HdMB— Husain Tabish (@Husain_Tabish16) March 21, 2025
दरअसल, स्विट्जरलैंड के जिनेवा में मौजूद संयुक्त राष्ट्र के कार्यालय में संयुक्तर राष्ट्र मानवाधिकार पिरषद की 58 वीं बैठक हो रही थी. इस बैठक में भारत के जम्मू कश्मीर के रहने वाले और मानवाधिकार कार्यकर्ता जावेद अहमद भी मौजूद थे. जावेद अहमद ने यूएनएचआरसी की बैठक में पाकिस्तान की पोल-खोल कर रख दी है. उन्होंने पाकिस्तान के अंदर हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों पर होने वाले जुल्म के मुद्दें को उठाया है. जावेद ने अपने जोशीले भाषण में कहा कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई वहां कि जनसंख्या का महत्वपूर्ण हिस्सा है. लेकिन उन्हे पाकिस्तानी सिस्टम, वहां कि संस्थाओं और संप्रदायिक ताकतों से दमन का सामना करना पड़ा हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यकों की तादाद लगभग 3.8 मिलियन है, जो पाकिस्तान की टोटल आबादी का 1.6% है. लेकिन वहां संप्रदायिक्ता के बढ़ते जहर की वजह से पाकिस्तान में पिछले चार दशकों में हिंदुओं के खिलाफ हिंसक घटनाओं में कई गुना इजाफा हुआ है.
हिंदू लड़कियों को किड़नैप कर, बनाते है शादी और मजहब बदलने का दबाव
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में नौजवान हिंदू लड़कियों को बार-बार अगवा किया जाता है, और मुसलिम समुदाय के मर्दों के साथ उन्हें शादी करने पर मजबूर किया जाता है, जो अक्सर उनकी उम्र से दोगुनी उम्र के होते हैं. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान में मजहबी अल्पसंख्यकों की लड़की को अगवा कर के उन्हे धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर किया जाता है. उन्होंने आगे कहा कि हिंदू मंदिरों पर नियमित रूप से हमले होते रहते हैं और पाकिस्तानी अफसर ऐसे भयावह हमलों को रोकने के लिए कुछ नहीं करते हैं.
पाकिस्तान में बड़े तादा में रहते हैं हिंदू और ईसाई अल्पसंख्यक
जावेद ने पाकिस्तानी अल्पसंख्योकों का भारत में प्रवास का मुद्दा उठाते हुए कहा कि पाकिस्तान में मजहबी आजादी पर खतरा और लगातार उत्पीड़न से बाज आकर वहां के माइनॉरिटी लगातार अवैध तरीके से भारत की ओर माइग्रेंट कर रहे हैं. क्यों कि उन्हें भारत में अमन और जीवन की संभावना दिखाई दे रही है. उन्होंने भारत सरकार के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि विस्तारित वीजा पर भारत में 4,000 से 5,000 पाकिस्तानी हिंदू रह रहे हैं. पाकिस्तान के ईसाई अल्पसंख्यकों की दुर्दशा के संबंध में, उन्होंने कहा कि ईसाई पाकिस्तान की कुल आबादी का लगभग 3.3 मिलियन या 1.3% हैं. फिर भी ईसाईयों को वहां अपमान का सामना करना पड़ता है, और पाकिस्तान में कट्टरपंथी लोग ईसाईयों को गंदा मानकर उन्हें 'चुरा' कहते हैं.
पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों पर जुल्म की जिम्मेदार है, वहां कि सरकार
पाकिस्तान में ईसाई समुदाय के लोगों पर झूठे ईशनिंदा का मामला भी उठाया है, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के ईसाई समुदाय के सैकड़ों लोगों झूठे ईशनिंदा मामलों के शिकार बन गए हैं. बात दें कि पाकिस्तान में ईशनिंदा पर मौत की सजा का प्रावधान है. उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान में ईसाइयों को पश्चिमी तोकतों के रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर देखा जाता है, और मजहबी चरमपंथियों के तरफ से आए दिन हिंसक हमलें किए जाते हैं. उन्होंने पाकिस्तान में कई चर्चों पर हुए हमलों और ईसाईयों के नरसंहार की घटनाओं का भई जिक्र किया है. जावेद ने अपने भाषण के आखिर में दुनिया के तमाम मुल्कों को पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई अल्पसंख्योकों की दुर्दशा के लिए वहां कि सरकार को जिम्मेदार ठहराना चाहिए.