Waqf Bill Update: वक्फ बिल पर लगातार घमासान जारी है, मुस्लिम रहनुमा, और संगठन आपस में ही एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, और सभी अपने आप को मुस्लिम हितैषी बताने का होर लग गया है. इन मुस्लिम संगठनों में कुछ ने बिल का समर्थन कर रहे हैं, और कुछ विरोध. इस लिस्ट में भारतीय सूफी फाउंडेशन का भी नाम जुड़ गया है. पूरी जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
Trending Photos
Waqf Bill Update: वक्फ संशोधन बिल को आज लोकसभा में पेश कर दिया गया है. सदन में इस बिल पर बहस हो रही है. वहीं, सदन से बाहर इस मुद्दे पर मुस्लिम समुदाय दो धड़ों में बट गई है. कुछ मुस्लिम संगठन और मजहबी रहनुमा इस बिल का समर्थन कर रहे हैं, वहीं, कुछ वक्फ बिल की मुखालफत कर रहे हैं. इस फहरिस्त में भारतीय सूफी फाउंडेशन भी शामिल हो गीई है. भारतीय सूफी फाउंडेशन के सदर कशिश वारसी ने कहा कि जो लोग इस बिल की मुखालफत कर रहे हैं, पहले वे लोग वक्फ कि जमीन को कब्जामुक्त करते, उसके बाद विरोध करते तो अच्छा होता.
उन्होंने वक्फ बोर्ड पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड आज तक क्या किया है. उन्होंने इल्जाम लगाते हुए कहा कि वक्फ की संपत्ति पर जो हक गरीब मुस्लिमों का था, उसे नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन पर आज-तक न कोई अस्पताल बना और न ही कोई स्कूल. उन्होंने कहा कि वक्फ की जमीन सिर्फ माफियाओं ने लूटा है, और वक्फ बोर्ड को माफिया बताते हुए कहा कि वह लोग गरीब मुसलमानों के लिए कहीं भी मकान नहीं बनवाया है. बोर्ड सिर्फ अपनी जेब भड़ा है.
भारतीय सूफी फाउंडेशन के सदर कशिश वारसी अफसोस होता है मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड इस बिल का वरोध कर रहा है. अगर उन्होंने गरीब मुसलमान के लिए काम किया होता तो वह इस बिल का विरोध करते हुए अच्छे लगते. उन्होंने AIMIM के सदर असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह इस बिल के खिलाफ इतने जोरदार फासण दे रहे हैं, क्योंकि उनके लोग वक्फ माफिया है. उन्होंने कहा कि वक्फ बिल का जो लोग विरोध कर रहे है, उसके पीछे गहरा राज है. उन्होंने कहा कि वक्फ माफियाओं के जेल जाने का वक्त आ गया है.
वक्फ बिल पर मुस्लिम संगठनों में फुट, कुछ ने किया समर्थन तो कुछ ने किया विरोध
उन्होंने कहा कि मैं इस बिल का स्वागत करता हूं, और सरका से अपील करता हूं कि वक्फ बिल पास होने के बाद, गरीब मुसलमानों के लिए काम हो, उनके लिए स्कूल, मकान, और अस्पताल खोले जाएं. इससे पहले अजमेर दरगाह के अधिकारियों, उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के सदर शादाब शम्स, महाराष्ट्र अल्पसंख्यक आयोग के सदर प्यारे खान समेत कई मुस्लिम मौलानाओं ने इस बिल का समर्थन किया है. वहीं, मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, जमीयत उलेमा ए हिंद, इमारत ए शरिया और इंडिया ब्लॉक के तमाम सहयोगी दलों ने वक्फ बिल का विरोध किया है.