Sambhal Neja Mela Update: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नेजा मेला को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मंगलवार को जब मेले के आयोजन के लिए ढाल गाड़े जाने की तैयारी थी, पुलिस ने उस स्थान को सीमेंट से ढक दिया और पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी.
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Sambhal Neja Mela Update: संभल में नाम बदलकर भी नेजा मेले को आयोजित करने की इजाजत नहीं मिलेगी. एसडीएम वंदना मिश्रा ने 18 मार्च को इस बात की तस्दीक की. एएसपी श्रीश चंद्र के बयान के बाद अब एसडीएम वंदना मिश्रा ने भी नेजा मेले का नाम बदलकर इसके आयोजन की परमिशन नहीं देने की बात कही. एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया, 'अब संभल में तीन जगहों पर नेजा मेले के आयोजन को परमिशन नहीं मिलेगी. मंगलवार को कुछ लोग नेजा मेले की परमिशन के लिए आए थे, लेकिन इस आयोजन के लिए इजाजत नहीं दी गई.
मेले के लिए नहीं मिली परमिशन
उन्होंने कहा कि कुछ लोग नेजा मेले की परमिशन चाहते थे. क्योंकि नेजा मेला पिछले दो साल नहीं लग रहा है, लेकिन उन्हें किसी प्रकार की परमिशन नहीं दी जा सकती. संभल तहसील क्षेत्र में कुल तीन जगहों पर नेजा मेला लगता रहा है, जो पिछले दो साल से प्रभाव में नहीं है. वहीं, नेजा मेले का नाम बदलकर मेले का आयोजन करने वालों एसडीएम ने बताया, "2023 में सद्भावना मेले के नाम से मेले लगाए गए थे लेकिन इस बार किसी भी प्रकार से परमिशन नहीं दी जाएगी."
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के संभल जिले में नेजा मेला को लेकर विवाद खड़ा हो गया है. मंगलवार को जब मेले के आयोजन के लिए ढाल गाड़े जाने की तैयारी थी, पुलिस ने उस स्थान को सीमेंट से ढक दिया और पूरे इलाके में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी. हालांकि अभी संभल में स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है और पुलिस लगातार फ्लैग मार्च कर रही है ताकि शांति बनाए रखी जा सके. प्रशासन की तरफ से इस आयोजन को रोकने की तस्दीक की गई है, जिसके बाद राजनीतिक और सामाजिक हलकों में इसका विरोध भी उठने लगा है.
शाही जामा मस्जिद पास बन रही है सड़क
स्थानीय प्रशासन ने ऐतिहासिक और धार्मिक कारणों से इस मेले की इजाजत न देने का फैसला लिया है, जिसे लेकर विभिन्न समुदायों के बीच प्रतिक्रिया भी सामने आ रही हैं. इसके अलावा संभल में शाही जामा मस्जिद ( विवादित ढांचे ) के पास बन रही सड़क को लेकर एसडीएम वंदना ने बताया कि यह नगर क्षेत्र का मामला है जिसमें एक प्रार्थना पत्र सड़क के निर्माण के लिए आया था. उसके बाद विवादित ढांचे के पास सड़क का निर्माण कराया जा रहा है.