वक्फ बिल आने से पहले इमारत ए शरिया की CM नीतीश और नायडू से बड़ी अपील, जानिए पूरा मामला
Advertisement
trendingNow,recommendedStories0/zeesalaam/zeesalaam2702409

वक्फ बिल आने से पहले इमारत ए शरिया की CM नीतीश और नायडू से बड़ी अपील, जानिए पूरा मामला

Waqf Bill Update: वक्फ संशोधन बिल संसद में आने वाला है. इससे पहले पाटना में इमारत ए शरिया ने प्रेस कॉंफ्रेंस कर के सरकार में शामिल कुछ कथित सेक्यूलर छवी के नेताओं से वक्फ बिल का समर्थन न करने की अपील की है. पूरी जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल करें.

वक्फ बिल आने से पहले इमारत ए शरिया की CM नीतीश और नायडू से बड़ी अपील, जानिए पूरा मामला

Waqf Bill Update: वक्फ संशोधन बिल को एक बार फिर संसद भवन में पेश की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को सरकार इस काम को कर सकती है. इस बीच पटना में मौजूद इमार ए- शरिया ने मंगलवार 1 अप्रैल को एक प्रेस कॉंफ्रेंस की है, और NDA सरकार में शामिल कुछ पार्टियों से अपील की है कि वह इस बिल को पास न होने दें, क्योंकि यह बिल भू माफियाओं को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है. इमारत ए शरिया ने दावा किया है कि यह बिल मुसलमानों के खिलाफ है.

दरअसल, मंगलवार को पटना में मौजूद इमारत- ए शरिया ने वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ एक प्रेस कॉंफ्रेंस किया है. इमारते शरिया के अमीर अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि यह बिल मुसलमानों के वजूद को खत्म करने के लिए लाया गया है.  उन्होंने मौजूदा एनडीए सरकार में शामिल बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार, चिराग पासवान और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से अपील की है कि वह इस बील का समर्थन न करें, और संसद में इस बील को पास होने से रोकने में मदद करें.

वक्फ बिल को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाए नीतीश और नायडू

इससे पहले जमीयत उलेमा-ए हिंद ने नीतिश और चिराग पासवान के इफ्तार पार्टी का बॉयकॉट किया था, और मुस्लिम संगठनों से अपील की थी कि इनके इफ्तार पार्टी में न जाएं, जिसके बाद इमार ए- शरिया के किसी अधिकारी ने नीतिश के इफ्तार पार्टी में शिरकत नहीं किया था. अनिसुर रहमान कासमी ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल में 44 खामियां हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, चिराग पासवान और चंद्रबाबू नायडू से अपील की है कि वह लोग इस बिल को वापस लेने के लिए सरकार पर दबाव बनाए. 

गौरतलब है कि बिहार में इस साल के आखिर में चुनाव होने वाला है, और जेडीयू का मुस्लिम वोट में अछा पैठ है. वहीं, टीडीपी का बी आंध्र प्रदेश में मुस्लिम वोट मिलते हैं. चिराग अपने आप को संप्रदायिक राजनीति से दूर बताते हैं, और विकास की बात करते हैं, ऐसे में मुस्लिम समाज इन नेताओं और पार्टियों से उम्मीद कर रहा है कि वह संसद में इस बिल को सपोर्ट न करें. 

 

TAGS

Trending news

;