Waqf Bill Amendment: वक्फ बिल पर बढ़ते इस विवाद पर अब अजमेर शरीफ दरगाह के अफसरों ने अपना स्टैंड को साफ कर दिया है. अंजुमन सैय्यद जादगान के सैकेट्री ने इस बिल की सख्त मज़म्मत करते हैं .
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Waqf Bill Amendment: मुल्क भर में वक़्फ़ बिल को लेकर जबरदस्त बहस और टकराव बढ़ता जा रहा है. सरकार 2 अप्रैल को बिल संसद में पेश करने की तैयारी में है. अब मरकज़ी हुकूमत के इस तरमीम बिल के साथ कुछ मुस्लिम रहनुमा खड़े है तो दूसरी जानिब इस बिल के खिलाफ अहतेजाजी मुज़ाहरा भी देखने को मिल रहा है. अब हर कोई अपने स्टैंड को समाने रख रहा है.
ऐसे में एक बार फिर इस वक़्फ़ बिल के खिलाफ अजमेर दरगाह अंजुमन सैय्यद जादगान के सैकेट्री ने अपनी आवाज़ को बुलंद किया है. सैकेट्री सैय्यद सरवर चिश्ति ने एक बयान जारी कर अपने स्टेंड को साफ कर दिया है.
बिल की निंदा
चिश्ती ने कहा, "5 हज़ार ख़ुद्दामे ख्वाज़ा की अंजुमन सैय्यद ज़ादगान इस बिल की सख्त मज़म्मत और निंदा करते हैं और इसके खिलाफ आम मुसलमानों के हक़ में आवाज बुलंद करते है."
ऐसे में अगर कोई दरग़ाह दीवान के बेटे सैय्यद नसीरुद्दीन खुद को सज्जादानशीन बताते है. जबकि उनकी दरग़ाह ख्वाज़ा साहब एक्ट में कोई लीगल हैसियत नहीं है. वो हुकूमत को झूठ बोल कर अपने वालिद को दरग़ाह हेड बताते हैं.
इसी तरह मिनिस्ट्री, मीडिया और इंटेलिजेंस को ख़ादिम सैय्यद सलमान चिश्ति भी झूठ बोल कर खुद को दरग़ाह हेड ,दरग़ाह चीफ़ बता कर हुकूमत को गुमराह और दरग़ाह को रुसवा करते है. मुल्क में आने वाले वक़्फ़ बिल को लेकर अंजुमन का स्टैंड साफ है और वक़्फ़ बिल 2024 की ऑफिशियल मज़म्मत की जा चुकी है.
अंजुमन सैय्यद ज़ादगान बिल के खिलाफ
इस नजरिए से देखा जाए तो दरग़ाह दीवान और उनके बेटे दोनों हीं ऐंटी मुस्लिम एक्ट जो हुकूमत लाती है उसे स्पोर्ट करते है और दरग़ाह को रुसवा करते है. दरग़ाह के हवाले से अंजुमन सैय्यद ज़ादगान रजिस्टर्ड बॉडी है जो दरग़ाह अजमेर में ख़िदमात करते है और सारे आलम में खास पहचान रखते हैं. अगर मुसलमानों या किसी पर कोई अज़ाब आये तो सूफियों,चिश्तियो और सैय्यदो का फर्ज बनता है कि उसकी मज़म्मत करें. यही वजह है कि वक़्फ़ तरमीम बिल के खिलाफ अंजुमन ने अपना ऑफिशल इरादा साफ कर दिया है.
ऐसे में कुछ लोगो ने सिर्फ नाम के तौर पर अपनी ऑर्गनाइज़ेशन बना रखी है, जिसका ख्वाज़ा साहब की दरग़ाह से कोई ताल्लुक नहीं है. ख़ुद्दामे ख्वाज़ा की असल तंज़ीम बॉडी अंजुमन सैय्यद ज़ादगान है. वहीं सैयद नसरुद्दीन चिश्ती और सैयद सलमान चिश्ती ने वक़्फ़ अमेंडमेंट बिल का सपोर्ट किया है यही वजह है कि अजमेर के भाईजान सैय्यद सरवर चिश्ति भड़क गए हैं.