'सिर्फ मेहनत से ही...', पति नारायण मूर्ति के '70 घंटे काम' वाली बहस पर सुधा मूर्ति ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?
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'सिर्फ मेहनत से ही...', पति नारायण मूर्ति के '70 घंटे काम' वाली बहस पर सुधा मूर्ति ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?

70 Hour Work Week Debate: पिछले साल अक्टूबर में नारायण मूर्ति ने भारतीय युवाओं को 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी, ताकि देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सके. अब इस पर पत्नी सुधा मूर्ति ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. 

'सिर्फ मेहनत से ही...', पति नारायण मूर्ति के '70 घंटे काम' वाली बहस पर सुधा मूर्ति ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?

Sudha Murthy: देश की दिग्गज IT कंपनी इंफोसिस के को-फाउंडर और अरबपति बिजनेसमैन नारायण मूर्ति के 70 घंटे काम करने के सुझाव पर पत्नी सुधा मूर्ति ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है. राज्यसभा सांसद सुधा मूर्ति ने कहा कि सफलता कोई जादू की छड़ी घुमाने से नहीं मिलती, बल्कि इसके लिए जबरदस्त मेहनत, सही समय और समर्पण जरूरी होता है.

एक टीवी कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति अपने काम को लेकर बेहद जुनूनी होता है, तो समय मायने नहीं रखता. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि Infosys की सफलता सिर्फ उनके पति की मेहनत से नहीं, बल्कि पूरे परिवार और उनकी टीम के योगदान से संभव हो सकी.

पिछले साल अक्टूबर में नारायण मूर्ति ने भारतीय युवाओं को 70 घंटे काम करने की सलाह दी थी, ताकि देश की प्रोडक्टिविटी बढ़ाई जा सके. उन्होंने जर्मनी और जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे दूसरे विश्व युद्ध के बाद यहां के लोगों ने कड़ी मेहनत कर अपने देशों को आगे बढ़ाया.

सुधा मूर्ति ने क्या कहा?

Infosys के शुरुआती दिनों को याद करते हुए सुधा मूर्ति ने कहा कि मेरे पति और उनकी टीम 70 घंटे से भी ज्यादा काम करते थे क्योंकि उनके पास न तो ज्यादा वित्तीय मदद थी और न ही कोई बड़ी सुविधाएं. Infosys को इतना बड़ा बनाने के पीछे कोई जादू नहीं था. यह सिर्फ कड़ी मेहनत, सही समय पर सही जगह होने और किस्मत का नतीजा था. उन्होंने यह भी कहा कि केवल IT सेक्टर ही नहीं, बल्कि डॉक्टर्स, पत्रकारों और अन्य प्रोफेशन में भी लोग 90-90 घंटे तक काम करते हैं. 

फैमिली मैनेजमेंट को लेकर क्या कहा?

फैमिली मैनेजमेंट को लेकर सुधा मूर्ति ने कहा कि जब नारायण मूर्ति Infosys को बिल्ट करने में व्यस्त थे, तब घर और परिवार की जिम्मेदारी मैंने संभाली. मैंने कुद यह निर्णय लिया कि मुझे घर पर ध्यान देना है ताकि मेरे पति अपने काम पर पूरी तरह फोकस कर सकें. मैंने यह भी तय किया कि अपने पति से शिकायत करने और यह कहने का कोई मतलब नहीं है कि 'ओह, आप वहां नहीं हैं', क्योंकि वह एक बड़ा काम कर रहे थे.

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को अपने काम से प्यार है, तो वह उसके लिए समय निकाल ही लेता है. उन्होंने खुद को उदाहरण देते हुए कहा कि जब उनके पास ज्यादा खाली समय था, तब उन्होंने कंप्यूटर साइंस पढ़ाया, किताबें लिखीं और बाद में Infosys फाउंडेशन से जुड़ गईं.

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