Nimisha Priya Case: केरल की नर्स निमिषा प्रिया को यमन में हत्या के मामले में मौत की सजा मिली है. सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा, जबकि रिहाई के लिए कूटनीतिक प्रयासों की मांग जारी है.
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Kerala Nurse Nimisha Priya News: केरल की नर्स निमिषा प्रिया की जिंदगी पर आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई का बड़ा असर पड़ सकता है. यमन की अदालत ने 2017 में उन्हें एक स्थानीय नागरिक की हत्या के मामले में मौत की सजा सुनाई थी. फिलहाल इस सजा पर रोक है, लेकिन अगर जल्द कोई समझौता नहीं हुआ तो फांसी का खतरा फिर से बढ़ सकता है. यमन के कानून में "ब्लड मनी" यानी मुआवजा देकर माफी पाने का विकल्प है, इसी आधार पर उनकी रिहाई की कोशिशें हो रही हैं. अब यह देखना है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनकी जिंदगी बचाने में मदद करता है या नहीं.
क्या था पूरा मामला
केरल की नर्स निमिषा प्रिया नौकरी के लिए यमन गई थीं. वहां उन पर एक स्थानीय व्यक्ति की हत्या का आरोप लगा. साल 2017 में यमन की अदालत ने उन्हें दोषी मानते हुए मौत की सजा दे दी. यमन के कानून में यह प्रावधान है कि पीड़ित के परिवार को मुआवजा देकर माफी ली जा सकती है. इसी आधार पर उनकी रिहाई की कोशिशें हो रही हैं.
विदेश मंत्रालय का इनकार
‘सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल’ नाम का एक संगठन उनकी रिहाई के लिए काम कर रहा है. इसने सरकार से आग्रह किया था कि उसका एक दल यमन जाकर पीड़ित परिवार से समझौते की बात करे. लेकिन विदेश मंत्रालय ने वहां की खतरनाक हालात और चल रहे युद्ध का कारण बताते हुए अनुमति नहीं दी. सरकार का कहना है कि इस समय यमन में भारतीयों की जान को बड़ा खतरा है, इसलिए यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती.
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और उम्मीदें
आज न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी. याचिकाकर्ताओं का तर्क है कि सीधे यमन में बातचीत किए बिना निमिषा की रिहाई लगभग असंभव है. उन्होंने अदालत से आग्रह किया है कि सरकार को हर संभव कूटनीतिक और कानूनी कदम उठाने का निर्देश दिया जाए, ताकि पीड़ित परिवार से समझौता हो सके. मानवाधिकार संगठनों, भारतीय प्रवासी समुदाय और केरल की राजनीतिक नेतृत्व ने भी बार-बार अपील की है कि इस मामले में जल्द कार्रवाई की जाए. सुप्रीम कोर्ट का आज का रुख इस संवेदनशील मामले के अगले चरण की दिशा तय करेगा.