IPS Success Story: पढ़ें दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक यूनिट में तैनात अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आईपीएस दिनेश कुमार गुप्ता की सफलता की कहानी. कैसे 12वीं में कम नंबर आने पर भी निराश ना होकर आगे जमकर पढ़ाई की.
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IPS Dinesh Kumar Success Story: अक्सर देखा जाता है कि लोग एग्जाम में नंबर के पीछे भागते हैं. अधिक नंबर लाने के चक्कर कुछ स्टूडेंट्स अपनी हेल्थ भी खराब कर लेते हैं. वहीं, कभी ये भी सुनने और देखने को मिलता है कि अगर किसी छात्र के नंबर परीक्षा में कम जाते हैं तो छात्र निराश हो जाते हैं और हार मान कर बैठ जाते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. सिर्फ नंबर के आधार पर आप हार नहीं मान सकते हैं. कई ऐसे सारे लोग हमारे बीच मौजूद हैं जो नंबर कम लाने के बाद भी आज बड़ी पोस्ट पर बैठे है. ऐसा सिर्फ उनकी लगातार मेहनत और आत्मविश्वास के कारण ही संभव हो पाया है.
कम नंबर को नहीं बनानी है अपनी कमजोरी
आज के इस खबर में हम आपको बताएंगे ऐसे ही एक शख्स के सफलता की कहानी जिन्होंने बोर्ड के एग्जाम में कम नंबर हासिल किया, लेकिन आगे की पढ़ाई में इतनी मेहनत की कि आज वह आईपीएस बन गए हैं. यह कहानी है दिल्ली पुलिस की ट्रैफिक यूनिट में तैनात अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आईपीएस दिनेश कुमार गुप्ता की, जिन्होंने कम नंबर से हुई हताशा को अपनी कमजोरी नहीं बनाई. बल्कि जमकर मेहनत करके यूपीएससी की तैयारी की.
पढ़ाई पर करें फोकस
आईपीएस अधिकारी दिनेश कुमार गुप्ता ने एक मीडिया इंटरव्यू में बताया कि वह 12वीं एग्जाम के दौरान बीमार पड़ गए थे. जिसकी वजह से उनके केवल 58 फीसदी अंक आए थे. ऐसा लगा कि अब मैं इंजीनियर या डॉक्टर नहीं बन पाऊंगा. डर लगने लगा कि आगे क्या होगा. निराशा बहुत हो गई थी, लेकिन मैंने हार नहीं मानी और आगे पढ़ाई शुरू की. जमकर यूपीएससी की तैयारी शुरू की और एग्जाम क्रैक किया.
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इस कहानी से आज के युवाओं को ये सीख लेनी चाहिए कि रिजल्ट बस एक पड़ाव है, इसे अंत नहीं माना जा सकता है. रिजल्ट खराब होमे या कम नंबर आने पर छात्रों को निराश नहीं होना है. बल्कि अपने आपको पहले से और सुधारना है ताकि आगे एग्जाम में आपके हाई स्कोर आ सके.