मलेरिया के खिलाफ इस सरकार का बड़ा कदम, 11 लाख बच्चों को लगेगी वैक्सीन
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मलेरिया के खिलाफ इस सरकार का बड़ा कदम, 11 लाख बच्चों को लगेगी वैक्सीन

मलेरिया एक ऐसी बीमारी है जो अफ्रीका के कई देशों में अपना कहर बरपाती है, ऐसे में युगांडा देश की सरकार ने एक खास वैक्सीन प्रोग्राम की शुरुआत की है.

मलेरिया के खिलाफ इस सरकार का बड़ा कदम, 11 लाख बच्चों को लगेगी वैक्सीन

Malaria Vaccination Programme In Uganda: युगांडा सरकार ने एक ऐतिहासिक मलेरिया वैक्सिनेशन कैंपेन शुरू किया, जिसका टारगेट 2 साल से कम उम्र के 1.1 मिलियन (11 लाख) बच्चों को टीका लगाना है, जो अब तक का सबसे बड़ा अभियान है. वहां के पीएम रोबिनाह नब्बांजा (Robinah Nabbanja) ने बीते बुधवार को उत्तरी युगांडा के अपाक जिले के बूमा ग्राउंड्स (Booma Grounds) में टीकाकरण अभ्यास के आधिकारिक शुरुआत की अध्यक्षता की. कैंपेन का मकसद 6 से 18 महीने की उम्र के बच्चों को आर21/मैट्रिक्स-एम (R21/Matrix-M) इंजेक्शन वाला टीका लगाना है.

पीएम ने बताया अहम कदम
वहां के पीएम नब्बांजा ने कार्यक्रम में कहा, "ये हमारे देश को मलेरिया के भारी बोझ से आजाद करने की दिशा में एक साहसिक कदम है, एक ऐसी बीमारी जिसने बहुत लंबे समय से हमारे बच्चों के भविष्य को छीन लिया है, हमारे हेल्थकेयर सिस्टम को कमजोर कर दिया है और हमारी सामाजिक-आर्थिक प्रगति में रुकावट पैदा की है."

बच्चों की फ्यूचर सेफ्टी
समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, "मलेरिया और अन्य रोकथाम योग्य बीमारियों के खिलाफ टीकाकरण, अपने बच्चे को जीवन भर सुरक्षित रखें" थीम के तहत कैंपेन हाई से मॉडरेट मलेरिया ट्रांसमिशन रेट्स वाले 146 में से 105 जिलों में चलाया जाएगा.

मलेरिया रोकने का टूल
2021 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा इसकी प्री-क्वालिफिकेशन और अनुशंसा के बाद से, यह टीका मलेरिया की रोकथाम में एक जरूरी टूल साबित हुआ है.
डायग्नोस्टिक टेस्ट के 3 स्टेजेज के बाद, इसे बीमारी के बोझ को कम करने और बाल मृत्यु दर को कम करने के तौर पर एक गेम-चेंजर के रूप में देखा गया है.

इस रोलआउट ने युगांडा को मलेरिया की वैक्सीन को अपने नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने वाला 19वां अफ्रीकी देश बना दिया. युगांडा में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि कासोंडे मविंगा (Kasonde Mwinga) ने लॉन्च प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कहा, "नियमित टीकाकरण में मलेरिया के टीके को शामिल करके, युगांडा अपने बच्चों की सुरक्षा, जीवन बचाने और एक स्वस्थ भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक साहसिक कदम उठा रहा है."

हेल्थ मिनिस्टर ने क्या कहा
युगांडा की स्वास्थ्य मंत्री जेन रूथ एसेंग (Jane Ruth Aceng) ने मलेरिया के खिलाफ देश की लड़ाई में एक अहम मील का पत्थर के रूप में इसकी शुरुआत को अंडरलाइन किया. उन्होंने कहा, "इससे बच्चों में हर दिन मलेरिया के कम से कम 800 गंभीर मामलों को रोकने और परिवारों पर वित्तीय बोझ कम करने की उम्मीद है."

उन्होंने माता-पिता और स्वास्थ्य कर्मियों से अपील की कि वे सुनिश्चित करें कि बच्चे सभी चार खुराकें पूरी करें - 6, 7, 8 और 18 महीने की उम्र में दी जाने वाली खुराक मिले, ताकि उन्हें बेहतर सुरक्षा मिले. इस टीके की शुरुआत युगांडा के नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को 14 बच्चों के टीकों तक बढ़ा देती है. स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, ये अफ्रीका में सबसे व्यापक टीकों में से एक है.

कई देशों में दिख चुका है फायदा
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, घाना, केन्या और मलावी में सफल पायलट कार्यक्रमों के बाद इसे शुरू किया गया, जहां इस टीके ने मलेरिया से संबंधित मौत में 13 फीसदी की कमी की और अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में बड़ी कमी की.

मलेरिया से मौत का आंकड़ा
युगांडा में छोटे बच्चों में मलेरिया मौत का बड़ा कारण बना हुआ है. अकेले 2024 में, देश में मलेरिया के 10.9 मिलियन मामले और 3,582 मौत दर्ज की गईं. पिछले महीने, युगांडा को राष्ट्रव्यापी वितरण के लिए 3.5 मिलियन खुराक में से 2.2 मिलियन खुराक मिलीं, जिन्हें वैक्सीन एलायंस, गावी द्वारा समर्थित किया गया.

युगांडा में संयुक्त राष्ट्र बाल कोष के प्रतिनिधि रॉबिन नंदी (Robin Nandy) ने इस बात पर जोर दिया कि इस टीके को अन्य मलेरिया रोकथाम उपायों के पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जाना चाहिए.

(इनपुट-आईएएनएस)

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