Samastipur News: शुक्रवार को एक महिला ने दूसरी कक्षा की मासूम छात्रा को लीची तोड़ने के आरोप में रस्सी से बांधकर पेड़ से लटका दिया.
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समस्तीपुर: समस्तीपुर जिले के विभूतिपुर थाना क्षेत्र के नरहन वार्ड 8 से मानवता को शर्मसार करने वाली एक घटना सामने आई है. जहां शुक्रवार को प्राथमिक विद्यालय नरहन रायपट्टी के दूसरी कक्षा की एक मासूम छात्रा को लीची तोड़ने के कथित आरोप में एक महिला द्वारा मोटे रस्सी से दोनों हाथ बांधकर लीची के पेड़ से बांध दिया गया. इस घटना का वीडियो रविवार सुबह से सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसमें बच्ची ड्रेस कोड में दोनों हाथ आगे कर मोटा रस्सी से बंधे दिख रही है और वह दर्द एवं भय से रोती हुई दिखाई दे रही है. इसके कुछ दूरी पर दूसरी स्कूली बच्ची खड़ी हुई दिखाई दे रही है. विद्यालय के बगल में चापाकल से कुछ स्कूली बच्ची पानी ले रही है.
वायरल वीडियो में बच्ची रोते हुए यह कहती हुई सुनाई दे रही है कि दूसरे छात्र द्वारा लीची तोड़ने पर उसे रस्सी से बांध दिया गया. इसकी जानकारी होने पर काफी संख्या में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. वहीं स्थानीय पंचायत समिति सदस्य चांदनी देवी ने कहा कि जब बच्ची को इस हाल में देखा, तो उन्होंने तुरंत महिला को डांटते हुए रस्सी खोल दी. स्थानीय लोगों के अनुसार, विद्यालय की जमीन में लीची के तीन पेड़ हैं. जो सरकारी अमीन से मापी भी करवा कर देखा गया है. लेकिन स्थानीय लोगों ने अपना जमीन बताकर उसपर कब्जा किए हुए हैं. जिसके कारण स्कूल का बाउंड्री वॉल नहीं हो रहा है.
चांदनी देवी और प्रधानाध्यापिका विभा राय ने बताया कि विद्यालय में बाउंड्रीवाल न होने के कारण अक्सर इस प्रकार की परेशानियां आती हैं. उन्होंने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है. प्रधानाध्यापिका विभा राय ने बताया कि शुक्रवार को बच्चों को मध्यान्ह भोजन करवा रहे थे. इसी दौरान बच्ची ने खाना खाने के बाद चापाकल पर हाथ मुंह धोने गई. इसी दौरान घटना घटी. इसकी जानकारी होने पर हाथ बांधने वाली व लीची पेड़ रखवाली करने वाली महिला को काफी फटकार लगाई.
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वीडियो वायरल होने व घटना की जानकारी मिलते ही विभूतिपुर पुलिस ने तत्काल संज्ञान लिया और घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की सत्यता की जांच शुरू कर दी है. इस घटना ने शिक्षा व्यवस्था और बच्चों की सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. एक छोटी सी गलती पर इस प्रकार की क्रूर सजा देना ना केवल अमानवीय है बल्कि बाल अधिकारों का भी घोर उल्लंघन है. यह घटना विद्यालय प्रबंधन और शिक्षा विभाग के लिए एक सबक है कि वह भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए और विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करें.
इनपुट- राजेश कुमार
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