MP Congress Jila Adhyaksh: मध्य प्रदेश में एक बार फिर कांग्रेस में बड़े बदलाव होने के संकेत मिल रहे हैं, क्योंकि दिल्ली से एमपी में 50 आब्जर्वरों की नियुक्तियां की गई हैं, जो बड़े बदलाव के संकेत हैं.
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MP News: मध्य प्रदेश कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत एक बार फिर मिले हैं, क्योंकि आल इंडिया कांग्रेस कमेटी ने एमपी में 50 आब्जर्वर नियुक्त किए हैं, जो एमपी में होने वाली जिलाध्यक्षों की नियुक्तियों की तैयारियां करेंगे. बताया जा रहा है कि आने वाले 2 महीनों में एमपी कांग्रेस के जिला और शहर अध्यक्ष बदलेंगे, खास बात यह भी है कि प्रदेश में लगभग सभी जिलाध्यक्ष बदलने की तैयारी की जा रही है, जिसका काम खुद राहुल गांधी की टीम के देखरेख में होने की संभावना है, इसलिए कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 50 ऑब्जर्वरों की टीम उतारी है, जिसमें सभी को एक-एक जिले की जिम्मेदारी दी जाएगी.
एमपी में लागू है पॉयलट प्रोजेक्ट
दरअसल, कांग्रेस ने कुछ जिलों में पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए पॉयलट प्रोजेक्ट चलाया है, जिसमें मध्य प्रदेश भी शामिल है, एमपी में इस अभियान की शुरुआत विदिशा जिले से हो रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी लगातार संगठन को मजबूत करने पर फोकस कर रही है. मध्य प्रदेश में कांग्रेस जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्ष बनाने के लिए तैयारियों में जुट गई है. 50 नए आब्जर्वरों की नियुक्ति इसी से जोड़कर देखी जा रही है, ये सभी हर जिले की विधानसभाओं के नेताओं से रायशुमारी कर रिपोर्ट तैयार करेंगे और उसे दिल्ली तक पहुंचाएंगे. देश के बड़े नेताओं को मध्यप्रदेश के एक-एक जिले की संगठन को सृजन करने की जिम्मेदारी मिली है, जिसका असर आने वाले दिनों में दिख सकता है.
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कैसे बनेंगे जिलाध्यक्ष
बताया जा रहा है कि कांग्रेस के आब्जर्वरों को दो महीने का समय दिया गया है, जिसमें उन्हें अपनी पूरी रिपोर्ट तैयार करनी होगी, माना जा रहा है कि अगले दो महीने में शहर और जिला बदले जाएंगे, जिसके लिए माइक्रो लेवल पर काम किया जाएगा, क्योंकि जिन जिलों में संगठन में लूप होल दिखेगा उन्हें ठीक करने का काम ही इन्हें सौंपा गया है. बताया जा रहा है कि हर जिले में जिलाध्यक्ष की नियुक्ति के लिए पांच नेताओं का एक पैनल बनाया जाएगा, इन सभी का दिल्ली में इंटरव्यू होगा और उसके बाद ही जिलाध्यक्ष और शहर अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी. यानि इस बार जिलाध्यक्ष के चयन में भोपाल से ज्यादा दिल्ली की चलेगी.
माना जा रहा है कि कांग्रेस पायलट प्रोजेक्ट के तहत संगठन में अहम बदलाव करना चाहती है, इसका मकसद कांग्रेस को बूथ लेवल जिला लेवल तक पूरी तरह से मजबूत करने पर है. इसके अलावा यह भी फोकस करने के लिए कहा गया है कि नियुक्तियां वहीं होगी जो कांग्रेस के विचारधारा के लिए समर्पित होंगे.
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