नए उपराष्ट्रपति की रेस में MP के दिग्गज नेता भी शामिल, PM मोदी के रहे हैं मंत्री
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नए उपराष्ट्रपति की रेस में MP के दिग्गज नेता भी शामिल, PM मोदी के रहे हैं मंत्री

Vice Presidential Election: जगदीप धनखड़ के इस्तीफे के बाद नए उपराष्ट्रपति की चर्चाएं शुरू हो गई हैं, मध्य प्रदेश के एक सीनियर नेता का नाम भी नए उपराष्ट्रपति की रेस में तेजी से सामने आया है, जो मोदी सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं.

नए उपराष्ट्रपति की रेस में एमपी के यह नेता भी शामिल
नए उपराष्ट्रपति की रेस में एमपी के यह नेता भी शामिल

Thawarchand Gehlot: उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद से ही देश में नए उपराष्ट्रपति के लिए अटकलों का दौर शुरू हो गया है. बताया जा रहा है कि जगदीप धनखड़ के इस्तीफा देने के तीन दिनों के भीतर ही निर्वाचन आयोग ने चुनाव की प्रक्रिया शुरू कर दी हैं, ऐसे में जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान भी हो सकता है. इस बीच बीजेपी के कई सीनियर नेताओं का नाम नए उपराष्ट्रपति के लिए सामने आया है, जिसमें एक नाम मध्य प्रदेश से भी है जो तेजी से उपराष्ट्रपति पद के लिए सामने आए हैं. वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल और मोदी सरकार में मंत्री रहे मध्य प्रदेश के थावरचंद गहलोत भी उपराष्ट्रपति पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. थावरचंद गहलोत का सियासी अनुभव और जातिगत समीकरण भी अहम माने जा रहे हैं, जिससे उनका नाम भी इस रेस में अहम माना जा रहा है. 

थावरचंद गहलोत के सियासी समीकरण 

दरअसल, थावरचंद गहलोत मूल रूप से मध्य प्रदेश के रतलाम जिले के आलोट से आते हैं. एमपी के यह सीनियर नेता राजनीतिक और जातिगत समीकरणों में फिठ माने जा रहे हैं, जबकि उनके पास राज्यसभा का भी लंबा अनुभव है और वह राज्यसभा में सदन के नेता भी रह चुके हैं, इसके अलावा मोदी सरकार में दो बार केंद्रीय मंत्री की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं, बीजेपी की सबसे बड़ी संसदीय  समिति के सदस्य भी रहे हैं. जबकि वर्तमान में कर्नाटक के राज्यपाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं, जिससे उनके पास प्रशासनिक अनुभव भी है. 77 साल के गहलोत अनुसूचित जनजाति से आते हैं ऐसे में जातिगत समीकरणों में भी थावरचंद गहलोत फिट नजर आते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि बीजेपी किसी समर्पित कार्यकर्ता को उपराष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार बना सकती है, जिसमें थावरचंद गहलोत भी हो सकते हैं. 

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थावरचंद गहलोत का राजनीतिक अनुभव 

थावरचंद गहलोत का राजनीतिक अनुभव लंबा है. वह विधायक, प्रदेश सरकार में मंत्री, लोकसभा सांसद, राज्यसभा सांसद, केंद्रीय मंत्री से लेकर अब राज्यपाल तक की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. यही वजह है कि वह दो बार मोदी सरकार में सीनियर मंत्री की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. 

  • थावरचंद गहलोत 1980 में पहली बार मध्य प्रदेश में विधायक बने. 
  • 1990 में मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री की जिम्मेदारी मिली. 
  • 1996 में पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता. 1998, 1999, 2004 तक लगातार लोकसभा सांसद रहे. 
  • 2012 में पहली बार राज्यसभा के सांसद बने और 2018 में लगातार दूसरी बार राज्यसभा पहुंचे.
  • 2014 में पहली बार मोदी सरकार में मंत्री बने और 2019 में भी जिम्मेदारी मिली. 
  • 2019 में राज्यसभा में सदन के नेता बने.
  • 2021 से कर्नाटक के राज्यपाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं. 

पीएम मोदी के करीबी 

थावरचंद गहलोत को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करीबी माना जाता है. जबकि वह राजनीतिक अनुभव के साथ-साथ बीजेपी में भी बड़ी जिम्मेदारियां निभा चुके हैं. वह बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और उत्तर पूर्व भारत के प्रभारी और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. दरअसल, माना जा रहा है कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में विपक्ष भी मजबूत उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. ऐसे में बीजेपी ऐसे नेता का चयन करना चाहती है जो न केवल सियासी अनुभव में फिट हो बल्कि जातिगत समीकरणों में भी फिट हो, इसलिए जिन नामों की चर्चा चल रही है, उसमें थावरचंद गहलोत का नाम भी शामिल है. फिलहाल निर्वाचन आयोग की तरफ से उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं. 

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