New Formula of Promotion : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए खुशखबरी सामने आई है. दरअसल, सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के प्रमोशन को लेकर सीएम मोहन यादव ने एक नया फार्मूला तैयार करवाया है. जिसे कैबिनेट की मंजूरी के बाद अमल में लाया जाएगा.
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MP Govt Employees Promotion: मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए बड़ी खुशखबरी आने वाली है. प्रदेश में प्रमोशन को लेकर मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने अब नया फार्मूला बनवाया है, जिसे आज कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. जब कैबिनेट से मंजूरी मिल जाएगी, तब इस पर आगे की प्रक्रिया की जाएगी. दरअसल, पिछले 9 सालों से प्रमोशन पर रोक लगी हुई थी. वजह यह थी कि आरक्षण में प्रमोशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला अटका था.
मुख्यमंत्री के इस फैसले से प्रदेश के लगभग 4 लाख सरकारी कर्मचारियों को फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. हालांकि, कुछ संगठन जैसे सपाक्स, इस फार्मूले पर सहमति नहीं जता रहे है. वहीं सीएम डॉक्टर मोहन यादव, कर्मचारियों के प्रमोशन के पक्ष में हैं. इसी कारण तीन महीने पहले सभी पक्षों की सहमति से विभागों में प्रमोशन की प्रक्रिया शुरू करने के लिए कहा था. इसके बाद सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमोशन का फार्मूला तैयार करना शुरू किया और दो से ज्यादा बार मुख्यमंत्री भी इस फार्मूले पर विचार कर चुके हैं. आपको बता दें कि स्पाक्स और अजाक्स के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में मुख्य सचिव अनुराग जैन ने सरकार की तरफ से फार्मूले का प्रेजेंटेशन दिया था.
नए फार्मूले पर गहरा मंथन
मिली जानकारी के अनुसार, 10 जून को हुई मोहन यादव कैबिनेट मीटिंग में मंत्रियों के सामने इसका प्रजेंटेशन दिया गया था. इसके बाद ही इसे कैबिनेट बैठक में मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा. इसको लेकर सोमवार को देर रात तक मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्य सचिव के बीच इस फार्मूले पर काफी विचार विमर्श करने के बाद इस एजेंडे को कैबिनेट के सामने पेश करने का फैसला किया. प्रदेश में प्रमोशन में आ रही अड़चनों के चलते कम से कम 1 लाख से ज्यादा कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं.
प्रमोशन का नया फार्मूला?
1. खाली पड़े पदों को वर्गों में बाटने के बाद, जितने पद बचेंगे. उन्हें SC-ST (16%-20%) और अनारक्षित हिस्सों में बांटा जाएगा. यानि सबसे पहले SC-ST वर्ग के पद भरे जाएंगे, फिर उसके बाद अन्य पदों पर बाकी सभी की दावेदारी रहेगी.
2. इस फार्मूले में 2 तरह से लिस्ट बनाई जाएगी. पहले में क्लास-1 अधिकारी (जैसे डिप्टी कलेक्टर) के लिए लिस्ट मेरिट और सीनियरिटी दोनों के आधार पर तैयार का जाएगी. वहीं दूसरी लिस्ट में क्लास-2 और नीचे के पदों के लिए लिस्ट सीनियरिटी के आधार पर तैयार की जाएगी.
कर्मचारी की ACR जरूरी
इस नए फार्मूले में पिछले 2 साल में कम से कम एक ACR रिपोर्ट 'आउटस्टैंडिंग' होनी चाहिए या पिछले 7 साल में कम से कम 4 रिपोर्ट ‘A+’ ग्रेड की होनी जरूरी है. अगर किसी कर्मचारी की गलती से रिपोर्ट बनी ही नहीं है, तो उसे प्रमोशन का लाभ नहीं मिलेगा. सरकार का साफ कहना है कि इस फार्मूले से आरक्षित और अनारक्षित दोनों वर्गों को बराबर मौका मिलेगा और इससे करीब 4 लाख कर्मचारियों व अधिकारियों को 9 साल बाद प्रमोशन का रास्ता मिल सकेगा.
जानें कब होगा प्रमोशन ?
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में हर साल सितंबर से नवंबर महीने के बीच प्रमोशन की प्रक्रिया (DPC) की जाएगी. 31 दिसंबर की स्थिति के आधार पर तय होगा कि कौन-कौन योग्य है. 1 जनवरी से पद भरने शुरू हो जाएंगे. इसकी प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी मिली है कि जितने पद होंगे, उसके दो गुना उम्मीदवार बुलाए जाएंगे और 4 लोग अतिरिक्त शामिल होंगे. जैसे अगर 6 पद हैं, तो 12 + 4 = 16 लोग चयन के लिए बुलाए जाएंगे.
इस फार्मूले की कुछ शर्तें
1. जिन कर्मचारियों का पहले प्रमोशन हो चुका है, उनको पद से नहीं हटाया जाएगा.
2. इसके अलावा, जो कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं, उनको इस नियम का फायदा नहीं मिल सकेगा.
3. इस नए नियम को उस दिन से लागू किया जाएगा, जिस दिन इसका नोटिफिकेशन जारी होगा. (सोर्सः भास्कर )
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