Shahdol Dry Fruit Case: MP के अधिकारियों का अनोखा रिकॉर्ड! 1 घंटे में 4-5 अफसर सफाचट कर गए 14 किलो काजू-बादाम
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Shahdol Dry Fruit Case: MP के अधिकारियों का अनोखा रिकॉर्ड! 1 घंटे में 4-5 अफसर सफाचट कर गए 14 किलो काजू-बादाम

Shahdol News: मध्य प्रदेश में एक और घोटाला सामने आया है. शहडोल जिले के अधिकारियों द्वारा सिर्फ एक घंटे की मीटिंग के अंदर 14 किलो ड्राई फ्रूट चट करने का मामला तूल पकड़ रहा है. इसका बिल सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल भी हो रहा है. 

 

MP के अधिकारियों का अनोखा रिकॉर्ड!
MP के अधिकारियों का अनोखा रिकॉर्ड!

MP Dry Fruits Case: यूं ही नहीं मध्य प्रदेश को अजब-गजब कहा जाता है. यहां पर आए दिन नए-नए कारनामे की खबरें सामने आती रहती हैं. अभी कुछ ही दिन पहले शिक्षा विभाग में एक पोताई का अजब-गजब घोटाला सामने आया था, जिसकी अभी जांच पूरी भी नहीं हुई, कि दूसरा अनोखा कारनामा फिर से सामने आ गया है. दरअसल, मामला शहडोल जिले का बताया जा रहा है, कि जहां पर महज एक घंटे की बैठक में 4-5 अधिकारियों ने 14 किलो ड्राई फ्रूट चट कर दिए. 

यह मामला गोहपारू ब्लॉक के भदवाही ग्राम पंचायत का बताया जा रहा है, जहां पर जल चौपाल का आयोजन किया गया था. इस दौरान कार्यक्रम में जिला पंचायत सीईओ, कलेक्टर, एसडीएम समेत अन्य अधिकारी और ग्रामीण भी मौजूद थे, लेकिन जब इसका बिल वायरल हुआ तो, अधिकारी भी हैरान नजर आ रहे हैं. इस दौरान ग्रामीणों को खिचड़ी पूडी और सब्जी परोसी गई थी. लेकिन जो बिल पाया गया है, उसमें साफ-साफ लिखा है, कि सभी को ड्राई फ्रूट खिलाए गए हैं. इसके अलावा, ग्राम पंचायत के नाम पर आए बिल की राशि 19 हजार 10 रुपए का भुगतान भी तुरंत कर दिया गया है. 
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काजू की कीमत में अंतर

बिल में साफ-साफ लिखा है, कि काजू की कीमत में भी बड़ा अंतर भी देखने को मिला है. इसमें लिखा है कि एक किलो काजू की कीमत 1 हजार रुपए है, जबकि मार्केट में 600 से 650 रुपए के हिसाब से बिक रहा है. वहीं व्यापारी के तरह से जारी किए गए बिल में 5 किलो काजू, 6 किलो बादाम और 3 किलो किसमिस का बताया गया है. इसके अलावा, अन्य सामान, 30 किलो नमकीन, 20 पैकेट बिस्कुट का भी खर्चा दिखाया गया है. इतना ही नहीं 6 लीटर दूध में 5 किलो शक्कर मिलाकर चाय का भी इंतजाम किया गया है. 

मामले ने तूल पकड़ लिया

अधिकारियों का दावा है कि जो यह अभियान चलाया गया है, वह जनता के सहयोग से किया जा रहा है. इसके लिए कहीं से कोई भी बजट नहीं आया है. वहीं गोविंद गुप्ता किराना स्टोर, ग्राम भर्री की तरफ से यह बिल ग्राम पंचायत भदवाही के नाम भेजा गया है, इसके बाद बिल देखते ही, मामले ने तूल पकड़ लिया है. जल गंगा संवर्धन अभियान का उद्देश्य गांवों में जल संरचनाओं की सफाई करना था. इस अभियान के माध्यम से सरकार ने गांवों में कुएं, तालाब और नदियों की सफाई काम अभियान चलाकर 30 जून तक किया था. इस तरीके के आजोयन प्रदेश के सभी जिलों में किया गया था. 

मुझे इसकी जानकारी नहीं 

जिला पंचायत प्रभारी सीईओ मुद्रिका सिंह ने इस बिल मामले पर कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान मैं खुद भी मौजूद था. लेकिन जो बिल सामने आया है. इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा कि यदि यह मामला सामने आया है, तो फिर भी पता करता हूं. कि यह आयोजन ग्राम पंचायत ने किया था. इसके अलावा, इस कार्यक्रम में सभी वरिष्ठ अधिकारी व आमजन शामिल हुए थे. (सोर्सः नई दुनिया)

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