Operation Sindoor: ऑपरेशन की सफलता बाद भारत ने पाकिस्तान को दुनिया के सामने बेनकाब करने के लिए अमेरिका समेत 33 देशों में अपने डेलिगेशन भेजे थे. इनमें से एक डेलिगेशन का नेतृत्व कांग्रेस नेता शशि थरूर कर रहे थे.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर पर हमला बोलते हुए एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि शशि थरूर के नेतृत्व में जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर जो डेलिगेशन अलग अलग कई देशों में गया था, वो भारत का मैसेज दुनिया तक सही ढंग से नहीं पहुंचा सका. अय्यर ने यह भी दावा किया कि जिन देशों का दौरा किया गया, उनमें से किसी ने भी यह नहीं कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में पाकिस्तान की भूमिका थी. मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस के भीतर ही मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं और सियासी गलियारों में इस पर बहस तेज हो गई है.
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक डेलिगेशन अमेरिका समेत कई देशों के दौरे पर गया था. इस डेलिगेशन में कई दलों के सांसद - सरफराज अहमद (झारखंड मुक्ति मोर्चा), गंती हरीश माधुर बालयोगी (तेदेपा), शशांक मणि त्रिपाठी (बीजेपी), भुवनेश्वर कलिता (बीजेपी), मिलिंद देवड़ा (शिवसेना), और तेजस्वी सूर्या (बीजेपी) शामिल थे. इस दौरे का मकसद यह बताना था कि 7 मई को भारत ने बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले के जवाब में सटीक कार्रवाई की थी.
अय्यर ने कहा, 'शशि थरूर के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने जिन 33 देशों का दौरा किया, उनमें से किसी ने भी यह नहीं कहा कि हमले के पीछे पाकिस्तान का हाथ था. यहां तक कि संयुक्त राष्ट्र या अमेरिका ने भी ऐसा नहीं कहा. हम ही हैं जो छाती पीट रहे हैं और कह रहे हैं कि वास्तव में इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है.' उन्होंने आगे कहा, 'कोई भी हमारे बयान पर यकीन नहीं करता. हमारे पास ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे दुनिया को यह पता चल सके कि किस पाकिस्तानी एजेंसी ने इसकी साजिश रची.'
हालांकि, कांग्रेस ने अय्यर के विवादास्पद बयान से खुद को अलग कर लिया है. कांग्रेस ने कहा कि उन्हें गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने इंडिया टुडे टीवी से बात करते हुए कहा, 'इन बयानों पर ध्यान न दें. ये देश को गुमराह करते हैं. वह कांग्रेस के सदस्य नहीं हैं.' 22 अप्रैल को पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) के दहशतगर्दों ने पहलगाम में बैसरन घाटी में कायराना हमला किया था. आतंकियों ने 25 टूरिस्ट समेत 26 नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी थी.
इसके जवाब में भारत ने 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तानी आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमला किया, जिसमें नौ आतंकवादी लांच पैड हो गए और 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए. तीन दिनों तक चले सैन्य संघर्ष के कुछ दिनों बाद, सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद के ख़िलाफ़ भारत के कड़े रुख़ को उजागर करने के लिए 30 से ज़्यादा देशों में सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजे. इनमें से एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व तिरपवनंतपुर से कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने किया.
पहलगाम आतंकी हमले और उसके बाद भारत की जवाबी कार्रवाई की तरफ ध्यान आकर्षित करने के भारत के कूटनीतिक अभियान के तहत ये प्रतिनिधिमंडल भेजे गए थे. हर एक ग्रुप ने पाकिस्तान स्पोंसर्ड टेररिज्म के खिलाफ भारत के संकल्प को रेखांकित करने और वैश्विक शांति के प्रति देश की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के लिए दुनिया भर की प्रमुख राजधानियों का दौरा किया.
गौरतलब है कि दक्षिण अमेरिकी देश कोलंबिया, जिसने सबसे पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में हुई मौतों पर शोक व्यक्त किया था. लेकिन, शशि थरूर की कड़ी फटकार के बाद उसने अपने कदम पीछे खींच लिए थे. इस आउटरीच मिशन में 50 से ज़्यादा लोग शामिल थे, जिनमें वर्तमान और पूर्व सांसद और पूर्व राजनयिक शामिल थे. प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले नेताओं में भाजपा के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जदयू के संजय झा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, द्रमुक की कनिमोझी और राकांपा (सपा) की सुप्रिया सुले शामिल थे.
FAQs
सवाल: पहलगाम में आतंकियों ने कब हमला किया था?
जवाब: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आंतकियों ने 22 अप्रैल को हमला किया था, जिसमें 26 मासूम लोग मारे गए थे.
सवाल: भारत आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर कब शुरू किया था?
जवाब: भारत ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान में उसके आतंकी ठिकानों के खिलाफ 6-7 मई की रात को ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई शुरू की थी. भारत की इस कार्रवाई में नौ आतंकवादी लांच पैड तबाह हो गया था और 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए थे.