Muzaffarnagar news: यूपी के मुजफ्फरनगर जिले एसडीएम पर प्राइवेट जमीन के साथ सरकारी भूमि को भू-माफिया अमृतपाल के नाम करने के आरोप लगे हैं. डीएम ने जांच के लिए 3 एडीएम की कमेटी गठित कर दी है.
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मुजफ्फरनगर/अंकित मित्तल: मुज़फ्फरनगर में एसडीएम पर अरबों रुपये की प्राइवेट जमीन के साथ साथ करोड़ों की सरकारी भूमि को भू-माफिया अमृतपाल के नाम करने के आरोप लगे हैं. जब इसकी शिकायत डीएम कार्यालय पहुंची तो हड़कंप मच गया. आनन फानन में डीएम ने जांच के लिए 3 एडीएम की कमेटी गठित कर दी है.
पीड़ित परिवार का क्या आरोप
पीड़ित परिवार के लोगों ने एसडीएम पर 3 करोड़ रुपये की रिश्वत लेकर ये जमीन भूमाफिया के नाम दर्ज करने का आरोप लगाया है. मामला जानसठ तहसील के गांव इसहाकवाला का है. जहां डेरावाल को-ऑपरेटिव फार्मिंग सोसायटी का गठन 1962 में हुआ था. जिसमें सचिव पद पर जीवन दास और हरबंस समेत कई सदस्य थे. लेकिन सन 1972 में हरबंस अपनी हिस्से की 23 एकड़ जमीन लेकर सोसायटी से अलग हो गया था.
कई वर्षों से चल रहा जमीन को लेकर विवाद
हरबंस के पोते का और जीवन दास के बेटे गुलशन का जमीन को लेकर जानसठ एसडीएम की कोर्ट में पिछले कई वर्षों से विवाद चल रहा था. इस बीच वर्ष 2018 को तहसील के पटवारी तहसीलदार और एसडीएम ने हाई कोर्ट को लिखकर दिया था कि इस सोसायटी की जमीन में हरबंश का कोई हिस्सा नहीं है. जिसके बाद कोर्ट में केस चल रहा है. मार्च में जयेंन्द्र सिंह जानसठ तहसील में एसडीएम पद पर पहुंचे. उन्होंने इस मामले में सुनवाई शुरू की.
एसडीएम पर लगे ये आरोप
आरोप है कि जयेंन्द्र सिंह ने 19 जुलाई 2025 में सोसाइटी की अरबों रुपये की 600 बीघा से ज्यादा व करोड़ों रुपये की सरकारी लगभग 150 बीघा जमीन हरबंश के पोते अमृतपाल के नाम कागजों में चढ़ा दी. इस जमीन को नाम करने के नाम पर जयेंन्द्र सिंह पर 3 करोड़ रुपये लेने के आरोप लगे हैं. जैसे ही अमृतपाल के नाम जमीन कागजो में दर्ज होने की सूचना सोसाइटी के मेंबर गुलशन को लगी तो उन्होंने 29 जुलाई को इसकी शिकायत डीएम उमेश मिश्रा को की.
डीएम ने बिठाई जांच
आनन फानन में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने इस प्रकरण की जांच के लिए 3 एडीएम की कमेटी बनाकर जांच शुरू कराई. वहीं एसडीएम जयेंन्द्र सिंह ने शिकायत होते ही रातों रात अपने आदेश को ख़ारिज कर दिया. वहीं शिकायतकर्ताओ का आरोप है कि एसडीएम ने 3 करोड़ रुपये लेकर इस जमीन को भूमाफिया अमृतपाल के नाम की है. हमने इसकी शिकायत ज़ब हमने डीएम से की तो एसडीएम ने आदेश को ख़ारिज कर दिया है. हम चाहते हैं कि एसडीएम पर कार्रवाई होनी चाहिये.
बता दें कि इस जमीन के ठीक सामने से हाइवे जा रहा है, पिछले दिनों सोसाइटी के लोग व अमृतपाल हाई कोर्ट गए थे. उनकी जमीन से हाइवे जा रहा है. उनको मुआवजा दिया जाये. हाईकोर्ट ने जमीन को सरकारी जमीन मानते हुए मुआवजा दिलाने से इंकार कर दिया था. इस मामले में जिलाधिकारी उमेश मिश्रा का कहना है की मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैंने उसकी जाँच के लिए एक कमेटी गठित कर दी है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जायेगा उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.