Mankameshwar Mahadev Temple: श्रवण मास के पहले दिन संगम नगरी के शिवालयों में शिवभक्तों का हुजूम उमड़ा है. प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में भक्त भोलेनाथ को प्रिय चीजें अर्पित कर मनोकामनाओं की कामना पूर्ति की कर रहे हैं.
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मो.गुफरान/Sawan 2025: आज से भगवान भोलेनाथ का प्रिय सावन मास की शुरुआत हो चुकी है. संगम नगरी के शिवालयों में पहले दिन शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा है. भगवान भोले भंडारी के भक्त हाथों में दुग्ध, बेल पत्र, धतूरा और पुष्प लेकर दरबार में पहुंचे हैं. भक्त इनको भोलेनाथ को अर्पित कर मनोकामनाओं की पूर्ति की कामना कर रहें हैं. संगम नगरी प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर में ब्रह्मुहर्त से ही शिवभक्तों का हुजूम उमड़ा है. भगवान शिव की आस्था में लीन शिवभक्त यहां पर पहुंचे हैं. हर कोई भोलेनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए आह्लादित नज़र आ रहा है.
मनकामेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्त
प्रयागराज के यमुना तट पर स्थित मनकामेश्वर महादेव मंदिर में शिवभक्त कतारबद्ध होकर भोलेनाथ का दर्शन कर रहे हैं. यहां पर महिला और पुरुष भक्तों की अलग-अलग लाइन लगी है. बैरिकेटिंग के घेरे के बीच से होकर भगवान भोलेनाथ के गर्भगृह में भक्त पहुंच रहें हैं. भोलेनाथ को प्रिय चीजें अर्पित कर अलग लाइन से वापस जा रहें हैं.
सुरक्षा पुख्ता, सीसीटीवी से निगरानी
सुरक्षा के लिहाज से यहां न सिर्फ पुरुष बल्कि महिला पुलिसकर्मियों की भी तैनाती है. सीसीटीवी कैमरे से भी महादेव परिसर के चप्पे चप्पे पर नज़र रखी जा रही है.
मनकामेश्वर महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व
मनकामेश्वर महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व है. इस मंदिर का जिक्र कई धर्मग्रंथों में पाया जाता है. त्रेयता में भगवान राम जब वन के लिए जा रहे थे यमुना पार करते समय उन्होंने मां सीता के साथ यहां मनकामेश्वर महादेव को अभिषेक किया था. इसका भी वर्णन धर्मग्रंथों में मिलता है. इसलिए मनकामेश्वर महादेव मंदिर का महत्व काफी अधिक हो जाता है. श्रवण मास में यहां पर भोलेनाथ के भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर दिन यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
मनकामेश्वर महादेव मंदिर कॉरिडोर के रूप में विकसित
महाकुंभ के पहले योगी सरकार ने मनकामेश्वर महादेव मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जिसके चलते महादेव का यह स्थान अब काफी वृहद रूप ले चुका है. यहां पर राजस्थानी पत्थरों से की गई नक्काशी भक्तों को आकृषित करती है. मंदिर का न सिर्फ वैभव बढ़ा है बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहले की तुलना में दर्शन भी सुविधाजनक हो गया है.
डिस्क्लेमर
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.
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