Prayagraj News: सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. हजारों की संख्या में शिवभक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए शिवालयों में पहुंचे हैं. प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है.
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मो. गुफरान/प्रयागराज: सावन के पहले सोमवार पर संगम नगरी प्रयागराज के शिवालयों में शिवभक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है. हजारों की संख्या में शिवभक्त भोलेनाथ के दर्शन के लिए शिवालयों में पहुंचे हैं. यमुना तट पर स्थित प्राचीन मनकामेश्वर महादेव मंदिर में अभिषेक के लिए भक्तों का तांता लगा हुआ है. लंबी लंबी लाइनों में लगकर भोलेनाथ के भक्त दर्शन कर रहे हैं. हाथों में भगवान भोलेनाथ को प्रिय बेलपत्र, धतूरा, पुष्प और दुग्ध की टोकरी लेकर भोले भंडारी के भक्त दर्शन के लिए पहुंचे. सावन के पहले सोमवार के मौके पर हर कोई भोलेनाथ की भक्ति में लीन नज़र आया.
शिवालयों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम
प्रयागराज के मनकामेश्वर महादेव मंदिर समेत सभी शिवालयों में सुरक्षा का कड़ा पहरा है, बड़ी संख्या में पुलिस टीम तैनात है. पुरुष के अलावा महिला पुलिसकर्मियों की भी शिवालय परिसर में तैनाती है. एलआईयू और आईबी की टीमों के अलावा सादे वर्दी में भी पुलिसकर्मी शिवालय और उसके आस पास की गतिविधियों पर नज़र रख रहें हैं. हर आने और जाने वाले पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है. बैरिकेटिंग के घेरे से ही हर दर्शनार्थी को गुजरना पड़ रहा है. सीसीटीवी कैमरे से भी पूरे मंदिर परिसर की निगरानी की जा रही है. मंदिर के प्रवेश और निकासी द्वार के अलावा गर्भ गृह और परिसर में भी सीसीटीवी कैमरे से लाइव मॉनिटरिंग की जा रही है.
मनकामेश्वर मंदिर का महत्व
मनकामेश्वर महादेव मंदिर का पौराणिक महत्व है. इस मंदिर का जिक्र कई धर्मग्रंथों में पाया जाता है. त्रेता में भगवान राम जब वन के लिए जा रहे थे यमुना पार करते समय उन्होंने मां सीता के साथ यहां मनकामेश्वर महादेव को अभिषेक किया था. इसका भी वर्णन धर्मग्रंथों में मिलता है. इसी लिए मनकामेश्वर महादेव मंदिर का महत्व काफी अधिक हो जाता है. श्रवण मास में यहां पर भोलेनाथ के भक्तों का जनसैलाब उमड़ता है. हजारों की संख्या में श्रद्धालु हर दिन यहां पर दर्शन के लिए पहुंचते हैं.
कॉरिडोर के रूप में विकसित
महाकुंभ के पहले योगी सरकार ने मनकामेश्वर महादेव मंदिर को कॉरिडोर के रूप में विकसित किया. जिसके चलते महादेव का यह स्थान अब काफी वृहद रूप ले चुका है. यहां पर राजस्थानी पत्थरों से की गई नक्काशी भक्तों को आकृषित करती है. मंदिर का न सिर्फ वैभव बढ़ा है बल्कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पहले की तुलना में दर्शन भी सुविधाजनक हो गया है.