Sambhal News: संभल में एक दंपति अपनी एक साल की मासूम बेटी के साथ रेलवे ट्रैक पर जान देने के इरादे से बैठ गया. लेकिन समय रहते जीआरपी टीम ने तीनों की जान बचा ली. जब इस घटना की वजह सामने आई, तो हर कोई सोचने पर मजबूर हो गया. आखिर इतनी सी बात के लिए कोई इतना खौफनाक कदम कैसे उठा सकता है?
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Sambhal Hindi News/सुनील सिंह: पारिवारिक कलह ने एक युवक को ऐसा तोड़ दिया कि उसने अपनी पत्नी और मासूम बच्ची के साथ मौत को गले लगाने का फैसला कर लिया. तीनों रेलवे लाइन पर ट्रेन के आगे कटकर जान देने के लिए बैठ गए थे, लेकिन उसी समय जैसे किसी ने ऊपरवाले को पुकारा और जीआरपी टीम देवदूत बनकर पहुंच गई. समय पर मिली सूचना, फुर्ती और संवेदनशीलता ने तीन जिंदगियों को खत्म होने से बचा लिया.
कब का है मामला?
घटना चंदौसी-अलीगढ़ रेलवे लाइन की है, जहां बुधवार दोपहर बनियाठेर गांव निवासी विनीत कुमार अपनी पत्नी मंजू और बेटी सोनाक्षी के साथ आत्महत्या करने के इरादे से रेल पटरी पर जा बैठा. बताया जा रहा है कि काम पर जाने को लेकर पत्नी मना कर रही थी. इसी बता को लेकर दोनों में इतना कहासुनी हो गई थी, जिसके बाद उन्होंने यह खौफनाक कदम उठाया.
इस दौरान लोकमान्य तिलक टर्मिनल एक्सप्रेस स्टेशन पर खड़ी थी और आउटर सिग्नल के पास एक शख्स ने दंपति को ट्रैक पर बैठे देखा. तत्काल उसने चंदौसी GRP थाना प्रभारी अजीत प्रताप सिंह को सूचना दी. सूचना मिलते ही प्रभारी सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और बिना वक्त गंवाए ट्रेन को रोककर दंपति को समझा-बुझाकर ट्रैक से हटाया.
इसके बाद तीनों को थाने लाकर पूछताछ की गई. युवक ने अपना नाम विनीत कुमार, निवासी नंगला थाना बनियाठेर बताया. वह इन दिनों प्रेमनगर में रह रहा था. GRP ने विनीत की मां भूरी देवी से संपर्क कर उन्हें थाने बुलाया. परिजनों की मौजूदगी में काउंसलिंग के बाद सभी को सुरक्षित रूप से उनके सुपुर्द कर दिया गया.
थाना प्रभारी अजीत प्रताप सिंह ने बताया कि समय रहते हुई कार्रवाई से तीन जिंदगियां बच गईं. जीआरपी टीम की इस मानवीय पहल की क्षेत्र में जमकर सराहना हो रही है.
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