संपत्ति की रजिस्ट्री में ये जानकारी देना होगा जरूरी, रजिस्ट्री कराने बढ़ा 1 घंटा समय, संडे को भी खुलेगा दफ्तर
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संपत्ति की रजिस्ट्री में ये जानकारी देना होगा जरूरी, रजिस्ट्री कराने बढ़ा 1 घंटा समय, संडे को भी खुलेगा दफ्तर

UP Registry timings extended: मार्च में रजिस्ट्री कराने की योजना बना रहे लोगों के लिए राहत की खबर है. यूपी में रजिस्ट्री के लिए एक घंटा समय बढ़ाया गया है. निबंध कार्यालय शाम 6 बजे तक खुलेंगे.

UP Registry timings extended
UP Registry timings extended

UP Property Registries News: उत्तर प्रदेश में रजिस्ट्री कराने का समय अब शाम 6 बजे तक होगा. साथ ही स्टॉट भी 4 की बजाय 5 बजे तक बुक कर सकेंगे. यूपी के स्टांप न्यायालय एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल ने इसको लेकर निर्देश जारी किए हैं. रजिस्ट्री और स्लॉट बुकिंग के समय को मार्च 2025 के लिए बढ़ाया गया है. यानी यूपी के सभी उप-निबंधन कार्यालय का समय एक घंटा बढ़ जाएगा.

आखिरी रविवार को भी खुलेगा कार्यालय
इसके अलावा मार्च के आखिरी रविवार यानी 30 तारीख को भी विलेख पंजीकरण का काम चालू रहेगा. संडे के दिन ऑफिस खुलने से लोग ज्यादा संख्या में रजिस्ट्री करा सकेंगे. इसके विभाग को भी राजस्व प्राप्ति में ज्यादा फायदा होगा. मंत्री के निर्देश के बाद महानिरीक्षण निबंधन ने अधीनस्थ कार्यालयों को इस संबंध में आदेश जारी किए हैं.

समय बढ़ाने के पीछे क्या वजह? 
वित्तीय वर्ष 2024-25 का यह आखिरी महीना है, साथ ही होली और नवरात्रि का त्योहार भी इसी महीने में है. ऐसे में बड़ी संख्या में लोग अचल संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. होली और अन्य अवकाशों के चलते मार्च में कार्य दिवस कम होने के चलते यह फैसल लिय गया है. इसको लेकर मंत्री रवींद्र जायसवाल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री के जनसेवा के संकल्प को सफल करने के लिए यह फैसला लिया गया है. 

भू-उपयोग का उल्लेख होगा अनिवार्य
बता दें कि अब संपत्ति की रजिस्ट्री में पार्क, स्टेडियम, खुले स्थलों की जमीन के उपयोग क जिक्र करना अनिवार्य होगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद इसे शुरू किया गया है. लोगों के संपत्ति खरीदने में पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर यह कदम उठाया गया है. इससे संपत्ति खरीदार धोखाधड़ी से बच सकेंगे. विक्रय विलेखों में यह भी बताया जाएगा कि संबंधित जमीन किसी के बंधक में नहीं है. इससे खरीददार को यह पता चल सकेगा कि संपत्ति पर कानूनी विवाद या बंधक तो नहीं है.

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