Abbas Ansari Hate Speech Case: साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा के दौरान मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था. इसे हेट स्पीच माना गया था.
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प्रकाश पाण्डेय/मऊ: मऊ सदर से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक अब्बास अंसारी के खिलाफ 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान हेट स्पीच और आचार संहिता उल्लंघन के मामले में सोमवार को एमपी/एमएलए कोर्ट फैसला सुना सकता है. कोतवाली थाने में दर्ज इस मामले में अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और तीन अन्य लोगों पर चुनाव प्रचार के दौरान प्रशासनिक अधिकारियों को “देख लेने” की धमकी देने का आरोप है.
सब इंस्पेक्टर की तहरीर पर लिखी गई थी एफआईआर
मामला तब सामने आया जब 2022 के विधानसभा चुनाव के दौरान मऊ के पहाड़पुरा इलाके में एक जनसभा में अब्बास अंसारी ने कथित तौर पर विवादित बयान दिया था. आरोप है कि उन्होंने अधिकारियों को “सत्ता में आने के बाद हिसाब-किताब करने” की धमकी दी, जिसे हेट स्पीच माना गया. शहर कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की तहरीर पर अब्बास, उमर और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अलावा, दक्षिण टोला थाने में भी आचार संहिता उल्लंघन का एक अलग मामला दर्ज हुआ था.
कल आ सकता है फैसला
पिछले कुछ महीनों में इस मामले की सुनवाई कई बार टल चुकी है. 28 मई 2025 को कोर्ट में बहस पूरी नहीं हो सकी थी, और मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट डॉ. कृष्ण प्रताप सिंह ने कल की तारीख नियत की थी. अब्बास अंसारी, जो वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट से मिली अंतरिम जमानत पर हैं. इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हो रहे हैं. हालांकि, कल अबास अंदरी मऊ के एमपी एमएलए कोर्ट में पेश हो सकते है.
सुभासपा के बैनर तले चुनाव लड़े थे अब्बास अंसारी
अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा-सुभासपा गठबंधन के तहत मऊ सदर सीट से जीत हासिल की थी, जहां उन्होंने बीजेपी के अशोक सिंह को 38,116 वोटों से हराया था. उनके पिता, दिवंगत गैंगस्टर-नेता मुख्तार अंसारी, भी मऊ से पांच बार विधायक रह चुके हैं. इस मामले का फैसला मऊ की सियासत में हलचल मचा सकता है, क्योंकि अब्बास अंसारी क्षेत्र में एक प्रभावशाली नेता माने जाते हैं. स्थानीय प्रशासन ने कोर्ट के फैसले को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है. कोर्ट के निर्णय पर सभी की निगाहें टिकी हैं. कोर्ट का फैसला अब्बास के राजनीतिक करियर को प्रभावित कर सकता है. अगर दोषी पाए गए और दो साल तक की सजा हुई तो उनकी विधायकी रद्द हो सकती है.
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