छठ पूजा के व्रत में छुपे हैं सेहत के अद्भुत राज, शरीर को इन 4 तरीकों से मिलते हैं फायदे
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छठ पूजा के व्रत में छुपे हैं सेहत के अद्भुत राज, शरीर को इन 4 तरीकों से मिलते हैं फायदे

छठ पूजा न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि इसमें वैज्ञानिक और सेहत से जुड़े फायदे भी छिपे हुए हैं. आइए विस्तार में जानते हैं कि छठ का व्रत रखने से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.

छठ पूजा के व्रत में छुपे हैं सेहत के अद्भुत राज, शरीर को इन 4 तरीकों से मिलते हैं फायदे

छठ पूजा न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है बल्कि इसमें वैज्ञानिक और सेहत से जुड़े फायदे भी छिपे हुए हैं. खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में मनाया जाने वाला यह पर्व सूर्य उपासना का प्रतीक है, जिसमें श्रद्धालु अपने आरोग्य और परिवार की खुशहाली के लिए उपवास रखते हैं. छठ व्रत की प्रक्रिया में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत बनाने के कई फायदे हैं.

आइए विस्तार में जानते हैं कि छठ का व्रत रखने से शरीर को क्या-क्या फायदे मिलते हैं.

1. शरीर की शुद्धि और इम्यून सिस्टम में वृद्धि
छठ व्रत के दौरान चार दिन तक श्रद्धालु विशेष तरह का भोजन और उपवास करते हैं. शुरुआत में नमक, तेल और अनाज का सेवन कम कर दिया जाता है, जिससे शरीर से गंदगी बाहर निकल जाती है. यह व्रत शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है. शरीर को विषम परिस्थितियों के प्रति सहनशील बनाता है और कई प्रकार की बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है.

2. मानसिक शांति और आत्म-नियंत्रण का विकास
छठ व्रत में कठोर नियम और संयम का पालन किया जाता है. व्रती निर्जल या अर्ध-निर्जल रहते हैं, जिससे आत्म-नियंत्रण और मन को शांत रखने की क्षमता का विकास होता है. मानसिक शांति और ध्यान की प्रक्रिया में यह व्रत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो हमारे मेंटल हेल्थ को बैलेंस रखता है.

3. सूर्य से मिलने वाला स्वास्थ्य लाभ
छठ पूजा में उगते और डूबते सूर्य की पूजा का महत्व होता है. सूर्य की किरणें विटामिन डी का प्रमुख सोर्स हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है. विटामिन डी की कमी से होने वाली समस्याओं से बचाव में सूर्य की किरणें लाभदायक होती हैं. सुबह-सुबह सूर्य का प्रकाश आंखों और त्वचा के लिए भी लाभकारी होता है.

4. सामाजिक पहचान और आध्यात्मिक लाभ
छठ व्रत में एक साथ और सामूहिक पूजा का महत्व होता है, जिससे समाज में आपसी प्रेम और भाईचारे की भावना बढ़ती है. यह व्रत धार्मिक और आध्यात्मिक शांति प्रदान करता है, जिससे मन में पॉजिटिव कम्युनिकेश होता है.

Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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