Amasia: लाखों साल पहले एक विशाल और एकीकृत महाद्वीप पैंजिया (Pangaea) टूटकर सात महाद्वीपों में बंट गया था. अब इसको लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, ये महाद्वीप अब एक साथ मिलकर अमासिया ( Amasia ) नामक एक नए सपरकॉन्टिनेंट का निर्माण कर रहे हैं. इसमें एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया ऊपर की तरफ बढ़ रहा है. दरअसल, इसकी गति कभी रुकी ही नहीं. इसलिए वैज्ञानिकों का मानना है कि एक टकराव निश्चित है. आइए जानते हैं ये टकराव कब होगा?
ऑस्ट्रेलिया करीब 7 सेमी प्रति वर्ष की रफ्तार से एशिया की तरफ खिसक रहा है. यह सुनने में थोड़ा कम लगता है, लेकिन करीब उतनी ही रफ्तार से आपके नाखून भी उसी वक्त बढ़ते हैं. यह कोई अचानक हुआ घटनाक्रम नहीं है, बल्कि यह कॉन्टिनेंट करीब 8 करोड़ साल पहले अंटार्कटिका से अलग होने के बाद से ही गति में रहा है.
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 20-30 करोड़ सालों के भीतर यह रफ्तार ऑस्ट्रेलिया को एशिया से टकराने पर मजबूर कर देगी.मुमकिन तौर पर अमेरिका भी इस प्रोसेस में शामिल हो जाएगा, जिससे अमासिया नामक एक नए महाद्वीप का निर्माण होगा. हालांकि, यह कोई आसान प्रक्रिया नहीं होगी. जबकि इससे भयंकर भूकंप और ज्वालामुखी पैदा होंगे.
जैसे-जैसे महाद्वीप एक-दूसरे से सटेंगे, नए महाद्वीप के चारों ओर एक नया 'रिंग ऑफ फायर' बनेगा. टकराव से बनी नई सीमाओं में खौफनाक ज्वालामुखी देखी जाएगी. सीमाएं जल रही होंगी. वहां के अंदर का वातावरण आज के वातावरण से बहुत अलग हो जाएगा. जमीन शुष्क और बंजर हो जाएगी, और जलवायु में भारी बदलाव आएगा.
अब, चूंकि सिर्फ एक महाद्वीप और एक नई दुनिया होगी. इसलिए महासागर भी सिर्फ एक ही होगा. दुनिया के सभी समंदर मिलकर एक बहुत बड़ा समंदर बन जाएंगे, जो इस विशाल महाद्वीप को घेरेगा. एक विशाल प्रशांत महासागर होगा, या शायद उसका नाम बदल दिया जाएगा.
जबकि, तकनीकी क्षेत्र में यह बदलाव पहले से ही साफ है. 2016 में ऑस्ट्रेलिया के जीपीएस निर्देशांक करीब 1.8 मीटर तक बदल गए, जिसकी वजह से इसके पोजिशनिंग सिस्टम को नेशनल लेवल पर अपडेट करना पड़ा.
प्राचीन महाद्वीप पैंजिया करीब 335 से 175 मिलियन साल पहले वजूद में था. करीब 200 मिलियन साल पहले इसका बंटवारा शुरू हुआ. इसके परिणामस्वरूप सात महाद्वीप और पांच महासागर बने. वैज्ञानिकों का कहना है कि यह प्रोसेस रुकती नहीं है. अपने जीवनकाल में पृथ्वी एक चक्रीय पैटर्न में विकसित होती है, जहां पहले महाद्वीप अलग होते हैं और फिर वापस जुड़ जाते हैं.
कोआला, कंगारू, वॉम्बैट और प्लैटिपस ने कभी शिकारियों का सामना नहीं किया है. उनका विकास एक बहुत ही अलग तरीके से हुआ है, क्योंकि वे एक बिल्कुल अलग महाद्वीप पर अलग-थलग जिंदगी बसर करते हैं. जब ये महाद्वीप आपस में जुड़ेंगे, तो इन जानवरों को एक नई वास्तविकता का सामना करना पड़ेगा, जो उनके वजूद के लिए ख़तरा बन सकती है.
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