Viral News : नॉर्थ कैरोलिना और यूएस वर्जिन आइलैंड्स में रहने वाली एक महिला ने कहा कि ChatGPT ने उनकी छुपी हुई बीमारी को पहचानकर उनकी जान बचाई. रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने उनके लक्षणों को गलत तरीके से रूमेटॉइड आर्थराइटिस और एसिड रिफ्लक्स बताया. महिला का दावा है, कि अगर उन्होंने AI की मदद ना ली होती, तो कैंसर का पता नहीं चल पाता.
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Viral News : नॉर्थ कैरोलिना और यूएस वर्जिन आइलैंड्स में रहने वाली एक महिला ने दावा किया है कि ChatGPT ने उनकी छिपी हुए कैंसर की पहचान की और उनकी जान बचाई. Mirror की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने कहा कि डॉक्टरों ने उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर दिया और उन्हें केवल रूमेटॉइड आर्थराइटिस और एसिड रिफ्लक्स का मामला बताया.
डॉक्टर से हुई चूक
New York Post के अनुसार, 40 वर्षीय लॉरेन बैनन का वजन अचानक तेजी से कम होने लगा और उन्हें तेज पेट दर्द होने लगा. उन्होंने तुरंत डॉक्टरों से संपर्क किया, लेकिन डॉक्टरों ने उनकी बीमारी की गलत पहचान की. हताश होकर उन्होंने ChatGPT से मदद ली. चैटबॉट ने सुझाव दिया कि उन्हें हैशिमोटो डिजीज हो सकता है. डॉक्टरों की चेतावनी के बावजूद उन्होंने टेस्ट करवाया और पाया कि ChatGPT का अनुमान सही था. इसके बाद उनके थायरॉयड की जांच की गई, जिसमें गर्दन में दो छोटे-छोटे गांठें पाई गईं, जिनकी बाद में कैंसर के रूप में पुष्टि हुईं. बैनन का कहना है कि AI चैटबॉट ने उनकी जान बचाई.
जब डॉक्टर से मिली निरासा
बैनन ने Mirror से कहा "ऐसा लग रहा था जैसे डॉक्टर बस दवाइयां देकर जल्दी-जल्दी मरीजों को निपटाना चाहते हैं. मैं जानना चाहती थी कि मेरे साथ क्या हो रहा है, मैं बेहद निराश थी. मुझे अपने सवालों के जवाब नहीं मिल रहे थे," लॉरेन, जो एक मार्केटिंग कंपनी की मालिक हैं.
उन्होंने आगे कहा "तभी मैंने ChatGPT खोल लिया. मैं पहले से ही इसे अपने काम के लिए इस्तेमाल करती थी. मैंने टाइप करना शुरू किया कि ‘रूमेटॉइड आर्थराइटिस से मिलती-जुलती बीमारी कौन सी हो सकती है’, और उसमें आया, 'आपको हैशिमोटो डिजीज हो सकती है, अपने डॉक्टर से कहें कि वे थायरॉयड पेरऑक्सिडेज एंटीबॉडी (TPO) लेवल की जांच करें'. जब मैंने अपनी डॉक्टर से यह कहा, तो उन्होंने मना कर दिया और बोलीं, 'तुम्हें यह नहीं हो सकता, तुम्हारे परिवार की ऐसी कोई हिस्ट्री नहीं है.' लेकिन मैंने उनसे कहा, 'मेरी बात मानकर एक बार टेस्ट करवा ही लीजिए',"
ChatGPT की मदद से बची जान
लॉरेन बैनन ने कहा, "मुझे हैशिमोटो डिजीज के आम लक्षण नहीं थे, ना थकान महसूस हो रही थी, न कमजोरी. अगर मैंने ChatGPT की मदद न ली होती, तो मैं सिर्फ रूमेटॉइड आर्थराइटिस की दवा लेती रहती और तब तक कैंसर मेरी गर्दन से पूरे शरीर में फैल चुका होता."
"ChatGPT ने मेरी जान बचाई"
बैनन ने कहा, "डॉक्टर ने भी कहा कि मैं बहुत किस्मत वाली हूं जो ये इतनी जल्दी पकड़ में आ गया. मुझे पूरा यकीन है कि अगर मैंने ChatGPT का इस्तेमाल न किया होता, तो कैंसर जरूर फैल चुका होता. इसने मेरी जान बचाई. मुझे अंदर से महसूस हो रहा था कि मेरे साथ कुछ गड़बड़ है. अगर ChatGPT न होता, तो मैं ये कभी पता नहीं लगा पाती. मेरे बाकी सारे टेस्ट तो परफेक्ट थे."