Ram Navami 2025 Hanuman Puja Vidhi: चैत्र ननवरात्रि के 9वें दिन रामनवमी का त्योहार मनाया जाएगा. ऐसे में चलिए जानते हैं राम नवमी के दिन हनुमानजी की कृपा पाने के लिए उनकी पूजा कैसे करें.
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Ram Navami 2025: चैत्र नवरात्र का पावन महीना चल रहा है. पंचांग के अनुसार, इस साल रामनवमी का शुभ पर्व 6 अप्रैल, रविवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा. झारखंड के गुमला जिले में स्थित आंजन धाम को हनुमान जी की जन्मस्थली माना जाता है. यहां हनुमान जी के प्रति भक्तों का विशेष प्रेम और श्रद्धा देखने को मिलती है. मान्यता है कि माता अंजनी ने इसी गुफा में हनुमान जी को जन्म दिया था. आंजन धाम में स्थापित अति दुर्लभ प्रतिमा में हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में माता अंजनी की गोद में विराजमान हैं.
रामनवमी और आंजन धाम का महत्व
रामनवमी के अवसर पर आंजन धाम में हनुमान जी और माता अंजनी की विशेष पूजा की जाती है. नवरात्रि के दौरान यहां देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं और नौ दिनों तक उपवास रखकर पूजा-अर्चना करते हैं. पूरे आंजन धाम को आकर्षक रूप से सजाया जाता है और पूरे क्षेत्र को महावीरी पताकाओं से सुशोभित किया जाता है. इस पावन अवसर पर भक्त राम भक्ति और हनुमान जी की उपासना में लीन हो जाते हैं.
घर में रामनवमी की पूजा-विधि
रामनवमी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और वस्त्र धारण करें. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए लाल वस्त्र धारण करना शुभ माना जाता है. झंडा लगाने वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें. झंडे के लिए लाए गए बांस और पताका को जल से स्नान कराएं. बांस पर सिंदूर और घी का लेप लगाएं. झंडा लगाने के स्थान पर गंगाजल, तांबे का सिक्का, अक्षत, फूल, पान का पत्ता और कसैली डालें, फिर हनुमान जी का ध्वज स्थापित करें.
पूजा-विधि
सबसे पहले गणेश जी का आह्वान करें, फिर नवग्रहों की पूजा करें. हनुमान जी की मूर्ति को पहले दूध से स्नान कराएं, फिर शुद्ध जल अर्पित करें. इसके बाद शहद से स्नान कराएं और तिल के तेल, चमेली के तेल या घी का दीपक प्रज्वलित करें. हनुमान जी को रोठ (उनका प्रिय भोग) अर्पित करें. फिर हनुमान चालीसा का पाठ करें और अंत में हनुमान जी की आरती करें.
हनुमान जी की पूजा का महत्व
हनुमान जी की उपासना करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. यह प्राचीन और सरल विधि हनुमान जी को प्रसन्न करने का सर्वोत्तम तरीका है. उनकी कृपा से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं, दुःख और संकट समाप्त होते हैं और भक्त को मनवांछित फल प्राप्त होता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)