Ram Navami 2025: शिव नगरी काशी का 'राम रमापति बैंक' का अद्भुत लोन, जो पा जाए वो धन्य हो जाए, जानिए पूरी प्रक्रिया और नियम
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Ram Navami 2025: शिव नगरी काशी का 'राम रमापति बैंक' का अद्भुत लोन, जो पा जाए वो धन्य हो जाए, जानिए पूरी प्रक्रिया और नियम

Ram Navami 2025 Ramapati Bank Varanasi: शिव नगरी काशी का राम रमापति बैंक आपने आप में अद्भुत है. इस बैंक से लोन लेने के लिए लाखों लोग आते हैं. यह बैंक विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे ही है जहां पर श्रद्धालुओं की लोन के लिए होड़ लगी रहती है.

Ramapati Bank Varanasi
Ramapati Bank Varanasi

Ram Naam ka Loan In Ram Ramapati Bank Kashi: (आईएएनएस).  राम नाम से बड़ा धन कुछ नहीं और इस बात को सत्य बताता है शिव नगरी काशी का राम रमापति बैंक, तभी तो इस बैंक से लोन लेने के लिए अनगिनत लोग आते हैं. यह बैंक विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे स्थित है. ध्यान दें कि 6 अप्रैल को रामनवमी का पर्व है. इस अवसर पर एक अद्भुत बैंक यानी रामलला के राम बैंक से श्रद्धालुओं द्वारा लोन लेने की प्रक्रिया और नियम जान लेते हैं. 

लोन का फॉर्म 
राम बैंक मोक्षनगरी में स्थित है, लाल रंग की पोटलियों में राम नाम भरकर रखा है, जिसका संबंध पैसों से नहीं है बल्कि यहां तो बस राम का नाम चलता है. पुण्य जमा होता है और लोन के रूप में राम का नाम मिलता है. हालांकि, लोन लेने व उसको चुकाने के सख्त नियम हैं. अरबों से ऊपर इनकी संख्या हो गई है. इस बैंक में बाकायदा कर्मचारी भी नियुक्त किए गए हैं, जो प्रक्रियाओं को पूरा करते हैं और एक लोन का फॉर्म भी भरा जाता है जिस पर लोन के तमाम नियम लिखे होते हैं. 

राम रमापति बैंक के मैनेजर सुमित मेहरोत्रा
राम रमापति बैंक के मैनेजर हैं सुमित मेहरोत्रा जिन्होंने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात की और राम बैंक की स्थापना से जुड़ी बातें बताईं. उन्होंने बताया, “हमारे परदादा छन्नू लाल जी ने राम बैंक की स्थापना की थी. साधू-संतों के साथ ही वे रहते थे और पूजा-पाठ करते थे. हिमालय के एक बाबा से उनकी मुलाकात हुई थी और उन्होंने उनसे कहा कि जगत का कल्याण  तुम्हारे हाथों लिखा है. इसे प्रचार की जरूरत नहीं. इसका भक्त ही प्रचार करेंगे. 90 साल से भी पहले इस बैंक की स्थापना हुई थी.”
उन्होंने बताया कि राम रमापति बैंक में कैसे लोन मिलता है और इसके नियम क्या हैं. उन्होंने जानकारी दी कि “राम रमापति बैंक से राम के नाम का आप कर्ज लेते हैं तो कुछ नियमों का पालन भी सख्ती से करना पड़ता है.

असल में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों को साधने के लिए यह लोन लिया जाता है. आपको सवा लाख राम नाम का कर्ज एक बार में दिया जाएगा, जब आपने खुद को रामलला के शरणागत माना है. रामलला के आगे आकर अपनी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए रामनाम का अनुष्ठान किया है, यहां के नियमों को मंजूरी दी कि मैं इतने नियमों का पालन करूंगा.”

नियम क्या है? 
इस पर उन्होंने बताया कि लोन लेने से पहले हर सुबह स्वच्छ होकर राम नाम कम से कम पांच सौ लिखना होगा. खान-पान के नियमों का भी पालन करना होगा.  शुद्ध शाकाहारी भोजन करना होगा, भोजन में प्याज, लहसुन भी ना हो. मांस, मछली, मदिरा, अंडे जैसी चीजें नहीं खाना है. उन्होंने बताया, “यदि इन नियमों से सहमति जताने पर आपसे एक प्रार्थना पत्र भरवाया जाएगा जिसमें आपका नाम, पता, उम्र, समेत अन्य जानकारियां होंगी. एक कॉलम मनोरथ का होता है जिसमें बताना होता है कि आप किस मनोरथ से यानी किस काम से लोन ले रहे हैं.”

रामलला को मक्खन-मिश्री का भोग
सुमित मेहरोत्रा ने जानकारी दी कि "राम नाम लिखने के लिए बैंक की तरफ से कागज, कलम, स्याही मुफ्त में मिलती है. राम बैंक में लोन लेने के लिए सिर्फ बनारस, देश से ही ही नहीं बल्कि विदेशों से भी यहां लोग आते हैं. श्रद्धा, भक्ति, विश्वास से भगवान से प्रार्थना करते हैं और वह पूरी होती है. रामनवमी के मौके पर राम लला के दर्शन पाने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं, फेरी लेते हैं और पूजा करते हैं. रामलला को मक्खन-मिश्री का भोग लगाया जाता है और खिलौना भी चढ़ाया जाता है."

राम रमापति बैंक कैसे पहुंचे? 
रामलला के दर्शन के लिए रीता त्रिपाठी हमेशा पहुंचती रहती हैं, जोकि एक श्रद्धालु हैं. उन्होंने बताया, “मेरा बचपन भगवान के प्रांगण में ही गुजरा है. मेरे पिता जी दामोदर दास ओझा राम रमापति बैंक में मैनेजर व पुजारी थे और वही कार्यभार संभालते थे. भगवान जी के दर्शन करने भर से और सच्चे मन से मंगी गई मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. अगर इसकी बात करें तो राम बैंक विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे त्रिपुरा भैरवी गली में स्थित है. यहां कैंट रेलवे स्टेशन से सीधे जा सकते हैं. गोदौलिया से राम बैंक करीब 300 मीटर दूर है.
इनपुट एजेंसी- आईएएनएस
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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पद्मा श्री शुभम्

पद्मा श्री शुभम् को पत्रकारिता के क्षेत्र में 10 साल का अनुभव हैं. समाचार और वर्तमान घटनाओं पर लेख लिखने में पद्मा रुचि रखती हैं. इन्होंने मास कम्युनिकेशन से बैचलर डिग्री और हिंदी विषय से एम ए की ड...और पढ़ें

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