PM Modi Italy Visit: इटली में PM मोदी, दो देशों के मजबूत होते संबंधों के लिए अहम है प्रधानमंत्री का ये दौरा
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PM Modi Italy Visit: इटली में PM मोदी, दो देशों के मजबूत होते संबंधों के लिए अहम है प्रधानमंत्री का ये दौरा

PM Modi Italy Visit: जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा पोप फ्रांसिस के साथ एक दुर्लभ बैठक भी शामिल है. 

PM Modi Italy Visit:  इटली में PM मोदी, दो देशों के मजबूत होते संबंधों के लिए अहम है प्रधानमंत्री का ये दौरा

G7 Italy Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार देर रात (स्थानीय समयानुसार) जी7 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली के अपुलिया पहुंचे, जहां भारत को एक आउटरीच देश के रूप में आमंत्रित किया गया है. पीएम मोदी अपुलिया के ब्रिंडिसि एयरपोर्ट पर इटली में भारत के राजदूत वाणी राव और अन्य अधिकारियों ने स्वागत किया. प्रधानमंत्री के रूप में तीसरे कार्यकाल में यह नरेंद्र मोदी की पहली विदेश यात्रा है. बता दें जी7 शिखर सम्मेलन का आयोजन इटली के अपुलिया क्षेत्र में लग्जरी रिजॉर्ट बोरगो एग्नाजिया में 13 से 15 जून तक हो रहा है. 

पीएम मोदी इटली की पीएम जियोर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर इटली पहुंचे हैं. वह प्रधानमंत्री मेलोनी के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे. उनका यह दौरा दोनों देशों के बीच संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण है. 

मजबूत होते भारत-इटली संबंध
इटली यूरोपीय संघ में भारत का चौथा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और 18वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है. पिछले कुछ वर्षों में दोनों देशों ने द्विपक्षीय संबंधों को रक्षा, हिंद-प्रशांत, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक उन्नत किया है. 

भारत और इटली विश्व के दो आधुनिक और परिपक्व लोकतंत्र माने जाते हैं. दोनों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. पिछले वर्ष दोनों देशों ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मनाई. 

2021 में इटली गए थे पीएम मोदी
अक्टूबर 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मोदी इटली गए थे. वहीं इतालवी प्रधानमंत्री मार्च 2023 में राजकीय यात्रा पर भारत आई थीं और रायसीना वार्ता में मुख्य अतिथि थीं. मेलोनी इसके बाद जी20 शिखर सम्मेलन के लिए भी भारत आई थीं. 

मेलोनी की यात्रा के दौरान रक्षा, हिंद-प्रशांत, ऊर्जा और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करते हुए भारत-इटली द्विपक्षीय संबंधों को 'रणनीतिक साझेदारी' के स्तर तक उन्नत किया गया.

भारत-इटली आर्थिक साझेदारी
आर्थिक साझेदारी के मामले में, भारत इटली के बीच 2022-23 में द्विपक्षीय व्यापार 15 बिलियन डॉलर था. दोनों देश फूड प्रोसेसिंग, डेक्सटाइल डिजाइन, मैन्युफैक्चरिंग और वित्तीय सेवाओं जैसे आशाजनक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. इटली में भारतीय निवेश लगभग 400 मिलियन डॉलर होने का अनुमान है.

इटली में भारतीय कंपनियां मुख्य रूप से आईटी, फार्मा, इलेक्ट्रॉनिक्स, मैन्युफैक्चरिंग और इंजीनियरिंग क्षेत्रों में हैं. इटली में प्रमुख भारतीय कंपनियां हैं: टीटागढ़ इंडस्ट्रीज, टीसीएस, महिंद्रा, रैनबैक्सी, बॉम्बे रेयॉन, ज़ाइडस कैडिला, डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज, अरबिंदो फार्मा इटालिया, हिमतसिंगकासाइड, वैरोक ग्रुप, एंड्यूरेंस टेक्नोलॉजीज, गैमन, एबीजी ग्रुप, आदित्य बिड़ला, रेमंड ज़ाम्बैटी और सन फार्मा.

भारत से इटली को निर्यात की जाने वाली प्रमुख वस्तुएं लोहा और इस्पात, दूरसंचार उपकरण, पेट्रोलियम उत्पाद, लोहा और इस्पात उत्पाद तथा ऑटो घटक और पुर्जे हैं. 

इटली से आयात की जाने वाली मुख्य वस्तुओं में डेयरी के लिए औद्योगिक मशीनरी, इलेक्ट्रिक मशीनरी और उपकरण, अवशिष्ट रासायनिक और संबद्ध उत्पाद, विविध इंजीनियरिंग वस्तुएं और मशीन टूल्स शामिल हैं. 

'मुझे खुशी है पहली यात्रा इटली की है'
इटली रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने प्रस्थान वक्तव्य में कहा, 'मुझे खुशी है कि लगातार तीसरे कार्यकाल में मेरी पहली यात्रा जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की है. मैं 2021 में जी20 शिखर सम्मेलन के लिए अपनी इटली यात्रा को गर्मजोशी से याद करता हूं. पिछले साल प्रधानमंत्री मेलोनी की भारत की दो यात्राएं हमारे द्विपक्षीय एजेंडे में गति और गहराई लाने में सहायक रहीं. हम भारत-इटली रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने और हिन्द-प्रशांत एवं भूमध्यसागरीय क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'

इटली में पीएम मोदी का बिजी शेड्यूल 
पीएम मोदी का इटली दौरा खासा व्यस्त रहने वाला है. इसमें विभिन्न वैश्विक नेताओं के साथ बातचीत भी शामिल है. विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इटली के अपुलिया में ब्रिंडिसि एयरपोर्ट पर उतरे. एजेंडे में जी7 शिखर सम्मेलन के आउटरीच सेशन में भागीदारी और ग्लोबल लीडर्स के साथ सार्थक बातचीत शामिल है. एक एक्शन से भरपूर दिन आपका इंतजार कर रहा है!'

जायसवाल ने एक्स पर पोस्ट किए अपने एक वीडियो यह जानकारी भी दी कि पीएम मोदी जी7  शिखर सम्मेलन में आउटरीच सेशन को संबोधित भी करने वाले हैं.

पोप फ्रांसिस से मिलेंगे पीएम मोदी
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए इटली की अपनी यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के एजेंडे में कई उच्च स्तरीय द्विपक्षीय वार्ताओं के अलावा पोप फ्रांसिस के साथ एक दुर्लभ बैठक भी शामिल है.  रिपोर्ट के मुताबिक वेटिकन के अनुसार, पोप इटली के बोर्गो एग्नाज़िया में शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मिलेंगे. 

फ्रांसिस ने जनवरी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के खतरों के खिलाफ चेतावनी दी थी, शुक्रवार को वह नई तकनीक पर नेताओं की वार्ता में भाग लेने वाले हैं. पोप फ्रांसिस जी7 चर्चाओं में भाग लेने वाले पहले पोप हैं. 

क्या है जी7?
G7 (सात का समूह) दुनिया की सात सबसे बड़ी तथाकथित ‘उन्नत’ अर्थव्यवस्थाओं का एक संगठन है, जो वैश्विक व्यापार और अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय प्रणाली पर हावी है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं.

हालांकि, यूरोपीय संघ जी7 का सदस्य नहीं है, लेकिन वह वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेता है.

रूस इस ग्रुप में 1998 में शामिल हुआ, जिससे G8 बना. 2014 में रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा कर लिया जिसके बाद मॉस्को को ग्रुप से बाहर कर दिया गया.

चीन अपनी बड़ी अर्थव्यवस्था और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी होने के बावजूद कभी इसका सदस्य नहीं रहा. इसकी वजह प्रति व्यक्ति धन का इसका अपेक्षाकृत निम्न स्तर है कि इसे G7 सदस्यों की तरह उन्नत अर्थव्यवस्था के रूप में नहीं देखा जाता है.

ये दोनों देश विकसित और विकासशील देशों के G20 समूह में हैं.

पूरे वर्ष, G7 मंत्री और अधिकारी बैठकें करते हैं, समझौते बनाते हैं और वैश्विक घटनाओं पर संयुक्त बयान प्रकाशित करते हैं.

2024 में इटली के पास G7 की अध्यक्षता है.

भारत के अलावा 11 और देशों को किया गया आमंत्रित
ग्रुप की परंपरा के अनुरूप, कई देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों को अध्यक्षता करने वाले मेजबान राष्ट्र द्वारा शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया जाता है. भारत के अलावा इटली ने अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया है. 

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