पूर्व MP धनंजय सिंह को इलाहाबाद HC कोर्ट से झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, सजा पर भी रोक लगाने से इनकार
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पूर्व MP धनंजय सिंह को इलाहाबाद HC कोर्ट से झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, सजा पर भी रोक लगाने से इनकार

जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण मामले में जौनपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए से मिली सात साल की सजा को स्थगित करने से इंकार कर दिया है. लिहाजा धनंजय सिंह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे.

पूर्व MP धनंजय सिंह को इलाहाबाद HC कोर्ट से झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव, सजा पर भी रोक लगाने से इनकार

नई दिल्लीः जौनपुर के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह की जमानत से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करते हुए नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण मामले में जौनपुर की स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए से मिली सात साल की सजा को स्थगित करने से इंकार कर दिया है. लिहाजा धनंजय सिंह अब लोकसभा चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. हालांकि, उन्हें इस याचिका पर जमानत मिल गई है. 

  1. 7 साल की सजा को चुनौती देने के लिए की थी अपील
  2. जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट किए गए धनंजय सिंह 
     

7 साल की सजा को चुनौती देने के लिए की थी अपील
धनंजय सिंह की याचिका पर फैसला शनिवार 27 अप्रैल को हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने सुनाया. दरअसल, जौनपुर की एमपी-एमएलए की स्पेशल कोर्ट ने नमामि गंगे प्रोजेक्ट मैनेजर के अपहरण से जुड़े मामले में पूर्व सांसद व एक अन्य को सात साल की सजा सुनाई है. कोर्ट के इसी फैसले के खिलाफ सजा निरस्त करने के लिए धनंजय सिंह ने आपराधिक पुनरीक्षण के तहत अपील दर्ज की थी. 

जौनपुर से बरेली जेल में शिफ्ट किए गए धनंजय सिंह 
इससे पहले पूर्व सांसद और बाहुबली नेता धनंजय सिंह को शनिवार की सुबह आठ बजे जौनपुर जिला कारागार से बरेली जेल शिफ्ट किया गया. पुलिस के मुताबिक शासन के आदेश पर उन्हें शिफ्ट किया गया है. धनंजय बीते छह मार्च से जौनपुर के जिला कारागार में बंद थे. एंबुलेंस में बैठते धनंजय सिंह का वीडियो सामने आया है. इसमें कुछ लोग उनसे पूछ रहे हैं कि कुछ कहना है? वह कोई जवाब नहीं देते हैं.

6 मार्च को कोर्ट ने सुनाई थी 7 साल की सजा 
इस पूरे मामले पर धनंजय सिंह के वकील ने कहा कि राजनीतिक द्वेष के कारण उन्हें झूठा फंसाया गया है. जो तीन गवाह हैं, उनमें दो सरकारी कर्मचारी और एक प्रोजेक्ट का कर्मचारी है. जो आपराधिक इतिहास बताया गया है, उनमें अधिकतर मुकदमे राजनीतिक कारणों से कराए गए है. 

ज्ञात हो कि धनंजय सिंह को इंजीनियर अभिनव सिंघल के अपहरण-रंगदारी मामले में एमपी एमएलए कोर्ट ने 6 मार्च को 7 साल की सजा सुनाई थी. तब से यानी 53 दिन से वह जेल में बंद हैं. धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला को बसपा ने जौनपुर से टिकट दिया है. भाजपा ने यहां से महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह को उतारा है. 

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