BSF news: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान अगर कोई कमी रह गई थी तो उसे दुरस्त करने के लिए BSF द्वारा कदम उठाए जा रहे हैं.
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BSF Drone Squadron: सीमा सुरक्षा बल (BSF) भारत-पाकिस्तान सीमा पर तैनाती के लिए एक पहला 'ड्रोन स्क्वाड्रन' तैयार कर रहा है. साथ ही ऑपरेशन सिंदूर के दौरान रह गई कमियों को दुरस्त करते हुए घातक UAV हमलों के खिलाफ अपनी सुरक्षा और चौकियों को 'मजबूत' करना शुरू कर दिया है.
IDRW की रिपोर्ट में सुरक्षा प्रतिष्ठान के आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा गया, 'इस मोर्चे पर विशिष्ट सीमा चौकियों (BoPs) पर तैनात इस स्क्वाड्रन में विभिन्न प्रकार के टोही, निगरानी और हमलावर ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन (UAV) और विशेष रूप से प्रशिक्षित कर्मी शामिल होंगे जो इन मशीनों को चला सकते हैं.'
बताया गया कि इस स्क्वाड्रन का संचालन चंडीगढ़ स्थित BSF के पश्चिमी कमान मुख्यालय में स्थित एक नियंत्रण कक्ष द्वारा किया जाएगा. बता दें कि BSF को मुख्य रूप से भारत-पाकिस्तान अंतर्राष्ट्रीय सीमा (IB) की सुरक्षा का दायित्व सौंपा गया है.
क्यों लिया गया ये फैसला?
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बल की ताकत, कमजोरियों और खतरों की हाल ही में समीक्षा के बाद इस इकाई के गठन का निर्णय लिया गया.
यह अभियान भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (Pok) में आतंकवादी और रक्षा ठिकानों पर हमला करने के लिए 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के प्रतिशोध में शुरू किया गया था, जिसमें बैसरन मैदानी इलाकों में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे. 7 मई को शुरू किए गए इस अभियान में BSF ने सेना के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया.
ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में पाकिस्तान ने पश्चिमी सीमा पर भारतीय ठिकानों के साथ-साथ नागरिक इलाकों को निशाना बनाने के लिए हजारों ड्रोन भेजे.
10 मई को, बमों से लदे एक पाकिस्तानी ड्रोन ने जम्मू के आरएस पुरा सेक्टर में अपनी सीमा चौकी खारकोला पर विस्फोटक गिराए. चौकी पर तैनात दो बीएसएफ कर्मियों और एक सेना के जवान की इसमें दुखत मृत्यु हो गई, जबकि चार जवान गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से एक का इलाज के दौरान पैर काटना पड़ा.
कहां से कहां तक तैनात होगा ये दस्ता?
बताया कि बीएसएफ ड्रोन स्क्वाड्रन उत्तर में जम्मू से लेकर देश के पश्चिमी हिस्से में पंजाब, राजस्थान और गुजरात तक फैली 2,000 किलोमीटर से ज्यादा लंबी भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित कुछ निश्चित सीमा चौकियों पर तैनात किया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यह स्क्वाड्रन विभिन्न प्रकार के छोटे और बड़े निगरानी, टोही और हमलावर ड्रोनों से लैस होगा, जिन्हें ऑपरेशन सिंदूर जैसी किसी भी 'युद्ध जैसी स्थिति' या किसी भी ऑपरेशन के दौरान लॉन्च किया जाएगा.
लगभग 2-3 कर्मियों की एक छोटी टीम को 'असुरक्षित और विशिष्ट' सीमा चौकियों पर तैनात किया जाएगा. बताया गया कि पहले स्क्वाड्रन के लिए कुछ ड्रोन और उपकरण खरीदे जा रहे हैं और इस कार्य के लिए चुने गए कर्मियों को बैचों में प्रशिक्षित किया जा रहा है.
बंकर भी हो रहे मजबूत
10 मई के ड्रोन हमले से सबक लेते हुए, बीएसएफ ने पाकिस्तान से लगी सीमा पर अपनी सुरक्षा और बंकरों को भी मजबूत करना शुरू कर दिया है ताकि दुश्मन के ड्रोन द्वारा सीमा पार करके बम और विस्फोटक गिराने वाले हमलों से बचा जा सके.
सीमा चौकियों के बंकरों की छतों और दीवारों को मिश्र धातु की चादरों से मजबूत बनाया जा रहा है. बताया गया कि ड्रोन हमलों की आशंका वाली चौकियों को मजबूत करने के लिए कुछ और कदम उठाए जा रहे हैं. लेकिन इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल सकी.
इस मोर्चे पर तैनात एक BSF अधिकारी ने बताया कि बल चुनिंदा सीमा चौकियों पर ड्रोन-रोधी मशीनें तैनात करने के लिए रक्षा अनुसंधान और खुफिया एजेंसियों के संपर्क में है ताकि सीमा पार से आने वाले 'अवांछित या सशस्त्र ड्रोन' को निष्क्रिय किया जा सके.
BSF ने नष्ट कीं पाकिस्तानी चौकियां
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान बीएसएफ ने 118 से ज्यादा पाकिस्तानी चौकियां नष्ट कर दीं और उनकी निगरानी प्रणाली को 'पूरी तरह से ध्वस्त' कर दिया.
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