Parliament Security Breach: अराजकता फैलाकर मांगें पूरी करवाना चाहते थे आरोपी, पूछताछ में हुए कई खुलासे
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Parliament Security Breach: अराजकता फैलाकर मांगें पूरी करवाना चाहते थे आरोपी, पूछताछ में हुए कई खुलासे

Parliament Security Breach: 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी. इसी दिन संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया, जब दो व्यक्ति संसद की दर्शक दीर्घा से कूदकर लोकसभा सदन में हंगामे करने लगे और स्मोक बम से पूरे संदन को धुआं-धुआं कर दिया. हालांकि, अब सभी संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो इन संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. 

Parliament Security Breach: अराजकता फैलाकर मांगें पूरी करवाना चाहते थे आरोपी, पूछताछ में हुए कई खुलासे

नई दिल्लीः Parliament Security Breach: 13 दिसंबर को संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी थी. इसी दिन संसद की सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया, जब दो व्यक्ति संसद की दर्शक दीर्घा से कूदकर लोकसभा सदन में हंगामे करने लगे और स्मोक बम से पूरे संदन को धुआं-धुआं कर दिया. हालांकि, अब सभी संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया है. रिपोर्ट्स की मानें, तो इन संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. 

  1. ललित झा है षड्यंत्र का मास्टरमाइंड
  2. कई बार एक-दूसरे से मिले थे आरोपी
     

ललित झा है षड्यंत्र का मास्टरमाइंड
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पुलिस का कहना है कि ललित झा इस पूरे षड्यंत्र का मास्टरमाइंड है और वह तथा अन्य आरोपी देश में अराजकता फैलाना चाहते थे, ताकि वे सरकार को अपनी मांगें मनवाने के लिए मजबूर कर सकें. सूत्रों की मानें, तो पुलिस 13 दिसंबर को हुई इस घटना का सीन रिक्रिएट करने के लिए संसद से अनुमति मांग सकती है. रिपोर्ट्स की मानें, तो स्मोक अटैक के मास्टरमाइंड ललित झा को 7 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है. 

कई बार एक-दूसरे से मिले थे आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो ललित ने पुलिस की पूछताछ में स्वीकार किया है कि संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने की साजिश रचने के लिए सभी आरोपी कई बार एक-दूसरे से मिले थे. ऐसे में पुलिस इस जांच में जुटी है कि क्या इन संदिग्धों के नेटवर्क किसी दुश्मन देश या आतंकवादी संगठन से तो नहीं जुड़ा है. पुलिस का कहना है कि वे सभी संदिग्धों के मोबाइल का पता लगाने के लिए ललित को राजस्थान लेकर जाएंगे. 

दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंका मोबाइल
गौरतलब है कि पुलिस के हाथ अभी तक संदिग्धों के मोबाइल नहीं लगे हैं. लिहाजा पुलिस को इस हमले के पीछे की साजिश और इसमें संलिप्त लोगों के बारे में पता लगाने में दिक्कत हो रही है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पुलिस अभी दो और लोगों- कैलाश और महेश से पूछताछ कर रही है. हालांकि, अभी तक इनकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. दावा किया जा रहा है कि संसद पर स्मोक अटैक के बाद ललित राजस्थान के नागौर भाग गया था. पुलिस की पूछताछ में उसने बताया है कि उसने अपना फोन दिल्ली-जयपुर सीमा के पास फेंक दिया था और अन्य आरोपियों के फोन नष्ट कर दिए थे.

पुलिस को है विदेशी ताकत की संलिप्तता का संदेह
बता दें कि संदिग्धों ने जिस तरह के इस वाक्ये को अंजाम दिया है, उससे पुलिस को इसमें विदेशी ताकत की संलिप्तता का संदेह है. रिपोर्ट्स की मानें, तो पुलिस को उस व्यक्ति की तलाश है, जिसने केन को जूते में छिपाने में आरोपियों की मदद की थी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो पुलिस की पूछताछ में ललित ने बताया कि वे बेरोजगारी से परेशान थे. ऐसे में वे अपनी मांगें पूरी करने के लिए देश में अराजकता पैदा करना चाहते थे. इससे वे सरकार को अपनी मांगें पूरी करने के लिए मजबूर कर सकते थे. 

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