Today History: 11 जून को दुनिया भर में कई बड़ी घटनाएं घटी. एक तरफ द्वितीय विश्वयुद्ध अपने मुहाने पर था, तो वहीं इराक ने ईरान पर बड़ा हमला बोला.
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11 जून इतिहास की किताब का एक और अहम पन्ना है. इस दिन भी दुनिया ने कई बड़ी घटनाएं, राजनैतिक बदलाव, और अहम खोजें देखीं. कई बार, इस दिन ने बड़ी घटनाओं की नींव रखी, जिनके नतीजे सालों बाद सामने आए. यह तारीख वैश्विक स्तर पर हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलावों से जुड़ी है, जिनके परिणाम दूरगामी साबित हुए. ऐसे में आइए जानते हैं 11 जून का इतिहास.
ब्रिटिश सेना ने लीबिया पर पहला हवाई हमला किया
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश रॉयल एयर फोर्स (RAF) ने लीबिया के इतालवी ठिकानों पर अपना पहला हवाई हमला किया. ये हमला इटली द्वारा ब्रिटेन और फ्रांस पर युद्ध की घोषणा के ठीक एक दिन बाद हुआ था. ये नॉर्थ अफ्रीकी अभियान की शुरुआत थी, जो युद्ध में एक महत्वपूर्ण मोर्चा बना.
बौद्ध भिक्षु का आत्मदाह
11 जून 1963 को वियतनाम में कैथोलिक सरकार के उत्पीड़न के विरोध में, एक बौद्ध भिक्षु थिक क्वांग ड्यूक ने साइगॉन की एक व्यस्त सड़क पर आत्मदाह कर लिया. इस घटना की तस्वीरें पूरी दुनिया में फैल गईं और इसने वियतनाम युद्ध में अमेरिकी भागीदारी के खिलाफ जनमत बनाने में अहम भूमिका निभाई.
इराकी सेना का बड़ा हमला
11 जून 1981 को, ईरान-इराक युद्ध के दौरान, इराकी सेना ने ईरान के खिलाफ एक बड़ा हमला किया. ये युद्ध 1980 में शुरू हुआ था और अगले आठ साल तक चला, जिसमें लाखों लोग मारे गए.
जेम्स कुक ने ग्रेट बैरियर रीफ की खोज की
11 जून 1770 को ब्रिटिश खोजकर्ता कैप्टन जेम्स कुक (Captain James Cook) ने ऑस्ट्रेलिया के तट पर दुनिया की सबसे बड़ी मूंगा चट्टान प्रणाली ग्रेट बैरियर रीफ की खोज की.
ले मैंस हादसा
11 जून 1955 को फ्रांस में ले मैंस 24 घंटे रेस के दौरान एक भयानक कार दुर्घटना हुई, जिसमें 83 दर्शक और एक ड्राइवर मारे गए. ये मोटरस्पोर्ट्स हिस्ट्री की सबसे बड़ी त्रासदी थी.
अल्काट्राज जेल से भागने की कोशिश
11 जून 1962 को अमेरिका की कुख्यात अल्काट्राज जेल से तीन कैदियों, फ्रैंक मॉरिस और भाइयों जॉन और क्लैरेंस एंगलिन ने भागने की कोशिश की. वे कभी नहीं मिले और माना जाता है कि वे सैन फ्रांसिस्को खाड़ी में डूब गए थे. ये
भारत में एक बड़ा भूकंप
11 जून 1897 को असम में 8.0 तीव्रता का एक बड़ा भूकंप आया, जिससे व्यापक तबाही हुई और जान-माल का भारी नुकसान हुआ.
किरण बेदी को रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला
11 जून 1987 को भारत की पहली महिला आईपीएस अधिकारी किरण बेदी को उनकी बेहतरीन पुलिस सेवा और जेल सुधारों के लिए प्रतिष्ठित रेमन मैग्सेसे पुरस्कार मिला.
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