मिसाइल और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में क्या है अंतर? भारत के पास है दुनिया की सबसे घातक मिसाइल; जानें नाम
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मिसाइल और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में क्या है अंतर? भारत के पास है दुनिया की सबसे घातक मिसाइल; जानें नाम

दुनिया में जब कभी भी जंग हुई है, मिसाइलों ने ही रुख बदला है. वर्तमान में, दुनियाभर में कई तरह की मिसाइलें बनाई जा रही हैं. जिनमें भारत के पास दुनिया की सबसे घातक मिसाइल है. जिसकी ताकत हाल ही में दुनिया ने देखी है.

मिसाइल और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में क्या है अंतर? भारत के पास है दुनिया की सबसे घातक मिसाइल; जानें नाम

भारत की मिसाइल ताकत से दुनिया वाकिफ है, हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान में घूसकर मिसाइल स्ट्राइक की. जिसकी सटीकता से दुनिया दंग रह गई. हाल ये हो गया है कि वैश्विक बाजार में इस मिसाइल की मांग तेजी से बढ़ी है. यह कोई और मिसाइल नहीं बल्कि दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है. ऐसे में आइए जानते हैं मिसाइल और सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल में क्या अंतर है, और भारत के पास दुनिया की कौनसी सबसे घातक मिसाइल है. 

मिसाइल और क्रूज मिसाइल में क्या अंतर है?
मिसाइल एक सामान्य शब्द है, जो कई प्रकार के टेक्नोलॉजी से लैस होती है.  जिन्हें स्पीड व फीचर के आधार पर बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइल कहते हैं. बैलिस्टिक मिसाइलें एक निश्चित Parabolic रास्ते पर चलती हैं, जो प्रक्षेपण के बाद गुरुत्वाकर्षण के प्रभाव से लक्ष्य तक पहुंचती हैं. आसान शब्दों में कहें तो भारत की अग्नि और पृथ्वी मिसाइलें बैलिस्टिक हैं.

वहीं, क्रूज मिसाइलें जेट इंजन से संचालित होती हैं और पृथ्वी की सतह के करीब या कम ऊंचाई पर उड़ान भरती हैं. ये सटीक निशाना लगाने और रडार से बचने में माहिर होती हैं. क्रूज मिसाइलें अपनी गति के आधार पर सबसोनिक यानी ध्वनि से कम गति और सुपरसोनिक यानी ध्वनि से तेज स्पीड के आधार पर बंटी हुई हैं.

सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत
डिफेंस रिपोर्ट के मुताबिक, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलें ध्वनि की गति से 2-3 गुना तेज (मैक 2-3) स्पीड पर उड़ती हैं, जिससे इन्हें रोकना लगभग असंभव होता है. साथ ही, ये मिसाइलें ‘फायर एंड फॉरगेट’ मोड पर काम करती हैं, यानी इन्हें लॉन्च करने के बाद अलग से गाइड करने की जरूरत नहीं होती.

वहीं, इनकी कम ऊंचाई पर उड़ान और स्टील्थ टेक्नोलॉजी इन्हें रडार से बचाने में मदद करती है. सुपरसोनिक मिसाइलें अपनी kinetic energy के कारण अधिक घातक बन जाती हैं.

जहां तक इनके इस्तेमाल की बात है, यह जमीन, समुद्र, और हवा से हमला करने के लिए जानी जाती हैं. जैसे ये मिसाइलें जहाजों, बंकरों, और कमांड सेंटर्स को निशाना बना सकती हैं. हाल ही में भारतीय सेना ने पाकिस्तानी सैन्य ठिकानों पर सटीक हमला करने के लिए सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल किया था.

भारत की मिसाइल ताकतक क्या है?
भारत ने अपनी मिसाइल तकनीक में जबरदस्त तरक्की की है, जिसमें बैलिस्टिक, क्रूज, और एंटी-टैंक मिसाइलें शामिल हैं. डीआरडीओ (DRDO) के नेतृत्व में विकसित ये मिसाइलें भारत को क्षेत्रीय शक्ति संतुलन में बढ़त देती हैं. वहीं, सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की ताकत ने भारत को अपने पड़ोसियों खासकर पाकिस्तान और चीन के खिलाफ रणनीतिक बढ़त दिलाई है.

इन मिसाइलों की सटीकता और गति दुश्मन के डिफेंस सिस्टम को भेदने में सक्षम है, इतना ही नहीं, हाल के वर्षों में भारत ने अपनी मिसाइलों का निर्यात भी शुरू किया है.

दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस
भारत की सबसे घातक मिसाइल है ब्रह्मोस, जिसे भारत के DRDO और रूस के NPO मशीनोस्ट्रोयेनिया ने संयुक्त रूप से विकसित किया है. इसका नाम भारत की ब्रह्मपुत्र और रूस की मोस्कवा नदियों से लिया गया है. यह दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल है, जो मैक 2.8-3.0 यानी करीब 3700 किमी/घंटा की गति से उड़ान भरने में सक्षम है. वहीं इसकी रेंज 450 किमी तक है. जो अपग्रेड होने पर 800 किमी तक की रेंज हासिल कर सकती है.

इस मिसाइल की सबसे खास बात  है कि यह जमीन, समुद्र, हवा, और पनडुब्बी से लॉन्च हो सकती है. बता दें, ब्रह्मोस स्टील्थ टेक्नोलॉजी और एडवांस गाइडेंस सिस्टम से लैस है, जो इसे रडार से बचाने और सटीक निशाना लगाने में सक्षम बनाती है.

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