Asaduddin Owaisi Statement: पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद आफरीदी ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर विवादित बयान दिया है. आफरीदी के इस बयान पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. उन्होंने पाकिस्तान को दोबारा FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल किए जाने की मांग की है.
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Pahalgam Attack Update: पाकिस्तान क्रिकेटर शाहिद आफरीदी ने पहलगाम हमले को लेकर विवादित बयान दिया. शाहिद आफरीदी के इस बयान पर ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. सोमवार (28 अप्रैल) को दिए गए अपने बयान में सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शाहिद आफरीदी को 'जोकर' करार दिया.
दरअसल, पाकिस्तानी क्रिकेटर शाहिद आफरीदी ने भारत पर पहलगाम में "गलतियां" करने का आरोप लगाया था. शाहिद आफरीदी ने विवादित बयान देते हुए दावा किया था कि "भारत खुद आतंकवाद फैलाता है और फिर पाकिस्तान पर आरोप लगाता है." आफरीदी के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए AIMIM प्रमुख ने कहा, "वो कौन है? मेरे सामने ऐसे जोकरों के नाम मत लीजिए. ऐसे लोगों को भूल जाइए."
इतना ही नहीं हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान को फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में डालने की मांग की. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अवैध पैसे से आतंकवाद को फंडिंग कर रहा है, इसलिए उसे फिर से FATF की निगरानी सूची में शामिल किया जाना चाहिए.
सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बातचीत में कहा, "मेरा मांग है कि पाकिस्तान को फिर से FATF की ग्रे लिस्ट में डाला जाए. वे अवैध पैसे से आतंकवाद को फाइनेंस कर रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत हम नेवी और एयरफोर्स ब्लॉकेड भी लगा सकते हैं." उन्होंने कहा, "संयुक्त राष्ट्र के अनुच्छेद 51 के तहत आत्मरक्षा का अधिकार दिया गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 355 में भी कहा गया है कि अगर किसी राज्य पर बाहरी हमला होता है, तो सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उसका मुकाबला करे."
गौरतलब है कि पाकिस्तान जून 2018 से अक्टूबर 2022 तक फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की ग्रे लिस्ट में था. FATF एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है जो मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद की फंडिंग पर नजर रखती है. AIMIM प्रमुख और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी के इस बयान से पाकिस्तान सरकार को कड़ी नसीहत दी है.
बता दें, बीते 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले को 2019 के पुलवामा हमले के बाद, घाटी में सबसे घातक हमला माना जा रहा है. पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने को लेकर कड़े कदम उठाए हैं, जिनमें सिंधु जल संधि को समाप्त करना भी शामिल है.
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