Eid UL Fitr Namaz 2025: ईद की नमाज के मद्देनजर उत्तर प्रदेश पुलिस ने गाइडलाइंस जारी की है. जिसमें, इमरजेंसी हालात से निपटने के लिए खास तैयारी करके रखें. पूरी खबर पढ़ने के लिए स्क्रॉल करें
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Eid UL Fitr Namaz 2025: एक प्रेस रिलीज के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार ने आने वाली ईद-उल-फितर त्योहार के दौरान कानून और व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सिक्योरिटी गाइडलाइंस जारी की हैं.
ये निर्देश राज्य भर के सभी जोनल अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों, पुलिस आयुक्तों, क्षेत्रीय महानिरीक्षकों, उप महानिरीक्षकों, सीनियर पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को भेज दिए गए हैं.
दिशा-निर्देशों के मुताबिक, जोन और सेक्टर योजना के तहत पुलिस व्यवस्था की जानी चाहिए, जिसमें सुरक्षा तैनाती के लिए संवेदनशील इलाकों की पहचान की जानी चाहिए. जरूरत पड़ने पर अति संवेदनशील जगहों पर पुलिस पिकेट, स्टेटिक मजिस्ट्रेट और राजपत्रित अधिकारियों की तैनाती की जानी चाहिए.
अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे किसी भी नई परंपरा को शुरू होने से रोकें और इससे निपटने के लिए असामाजिक तत्वों की लिस्ट को अपडेट करें. विवादों के रिकॉर्ड की समीक्षा की जानी चाहिए ताकि वक्त पर समाधान सुनिश्चित हो सके.
डीजीपी ने शांति समिति के मेंबर्स और मज़हबी नेताओं के साथ मीटिंग्स आयोजित करने पर जोर दिया है ताकि उनकी मदद हासिल की जा सके. बयान में कहा गया है कि सीनियर ऑफिसर को सभी जगहों का दौरा करने, पर्याप्त पुलिस और पीएसी बलों के साथ फ्लैग मार्च करने और उपलब्ध सीएपीएफ को शामिल करने का डायरेक्शन दिया गया है.
तुरंत दिक्कत से निपटने के लिए पुलिस थाना प्रभारियों और मजिस्ट्रेटों के जरिए विवादित जगहों का संयुक्त दौरा किया जाना चाहिए. बयान के मुताबिक, बाजारों, भीड़भाड़ वाले इलाकों और पब्लिक प्लेसेस पर पैदल गश्त बढ़ाई जानी चाहिए, साथ ही बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों के जरिए लगातार जांच की जानी चाहिए. इमरजेंसी हालातों से निपटने के लिए रणनीतिक स्थानों पर त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) तैनात किए जाने चाहिए.
पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वे अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए प्लान तैयार करें और उसकी प्रैक्टिस शुरू करे. खुफिया नेटवर्क को सक्रिय बनाए रखने के साथ ही अधिकारियों को किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.
ड्रोन कैमरों का इस्तेमाल करके संवेदनशील इलाके की निगरानी, जुलूस के रास्तों पर पर्याप्त पुलिस बलों की तैनाती और अहम जगहों पर सीसीटीवी लगाने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही सोशल मीडिया मोनिटरिंग को तेज कर दिया गया है.