Caste Census से पहले मौलाना महमूद मदनी की मुसलमानों से अपील; बताए इसके फायदे
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Caste Census से पहले मौलाना महमूद मदनी की मुसलमानों से अपील; बताए इसके फायदे

Maulana Mahmood Madani: मौलाना महमूद असद मदनी ने मुसलमानों से जातिगत जनगणना से पहले बड़ी अपील की है. इसके साथ ही उन्होंने इसके फायदे भी बताए हैं. आइये जानते हैं पूरी डिटेल

Caste Census से पहले मौलाना महमूद मदनी की मुसलमानों से अपील; बताए इसके फायदे

Maulana Mahmood Madani: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के चीफ मौलाना महमूद असद मदनी ने भारत में प्रस्तावित जातिगत जनगणना का समर्थन किया है. उन्होंने इसे न्याय, समान शासन और संसाधनों के सही बंटवारे के लिए जरूरी बताया है.

मौलाना अरशद मदनी ने जातिगत जनगणना पर क्या कहा?

सोमवार को दिए गए एक बयान में मौलाना मदनी ने कहा कि यह जनगणना सिर्फ एक प्रशासनिक औपचारिकता नहीं है, बल्कि अब यह एक जरूरी सामाजिक और राजनीतिक ज़रूरत बन गई है. उन्होंने बताया कि जाति आधारित आंकड़े आरक्षण, सामाजिक कल्याण योजनाओं और विकास के कामों की सही योजना बनाने में मदद करेंगे.

मदनी ने कहा कि एक डिटेल और सही जातिगत जनगणना से उन समुदायों की पहचान हो सकेगी जो अब तक सरकारी योजनाओं से वंचित रहे हैं. इससे उन्हें आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी।

मुसलमानों से की अपील

मदनी ने मुसलमानों से अपील की कि वे इस जनगणना में पूरे सहयोग के साथ भाग लें और अपनी जाति से जुड़ी जानकारी सही-सही दर्ज कराएं. उन्होंने कहा कि यह डेटा पिछड़े और वंचित मुस्लिम समाज की मदद के लिए नीतियां बनाने में बेहद जरूरी है. 

मदनी ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद की स्थानीय ब्रांच, धार्मिक संस्थानों और मुस्लिम नेताओं से भी अपील की कि वे लोगों को इस जनगणना के लॉन्ग टर्म में होने वाले फ़ायदे समझाएं और उन्हें इसके लिए तैयार करें.

धार्मिक आपत्तियों पर क्या कहा?

कुछ धार्मिक आपत्तियों की आशंका पर मौलाना मदनी ने साफ़ किया कि जातिगत जनगणना का समर्थन करना इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ नहीं है. उन्होंने कहा, "इस्लाम बराबरी की बात करता है, लेकिन भारत के मुस्लिम समाज की सामाजिक और आर्थिक स्थिति में बहुत असमानता है. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इन असमानताओं को आंकड़ों के ज़रिए स्वीकार करना एक नैतिक और संवैधानिक ज़िम्मेदारी है.

मदनी ने केंद्र सरकार से मांग की कि वह इस जातिगत जनगणना को पूरी ईमानदारी, पारदर्शिता और गंभीरता के साथ कराए. उन्होंने चेतावनी दी कि जनगणना के दौरान किसी तरह का पक्षपात या भेदभाव नहीं होना चाहिए.

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