Udaipur Files Controversy: अगले हफ्ते शुक्रवार को रीलीज होने वाली 'उदयपुर फाइल्स' को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इस विवादित फिल्म में कोर्ट में विचाराधीन ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भी कथित भ्रामक तथ्य दिखाए जाने के आरोप लग रहे हैं. फिल्म को रीलीज होने से रोकने के लिए अंजुमन इंतजामिया मसाजिद ने वाराणसी डीएम को ज्ञापन सौंपा है.
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Varanasi News Today: विवादित 'उदयपुर फाइल्स' (Udaipur Files) फिल्म के खिलाफ विरोध शुरू हो गया है. यह फिल्म आगामी शुक्रवार (11 जुलाई) को रिलीज होने जा रही. इस फिल्म के खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में भी विरोध शुरू हो गया है. मुस्लिम समाज की ओर से शहर मुफ्ती और अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी ने जिलाधिकारी वाराणसी को पत्र लिखकर इस फिल्म पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है.
मुस्लिम समाज का आरोप है कि यह फिल्म धार्मिक भावनाओं को भड़काने वाली है और इससे शहर का सांप्रदायिक सौहार्द और कानून व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. अंजुमन की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि फिल्म के ट्रेलर और प्रचार सामग्री में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर भड़काऊ और झूठे दृश्य दिखाए गए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन मामले को प्रभावित करने की नीयत से मालूम पड़ता है.
इसके अलावा पत्र में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि फिल्म में इस्लाम के पैगंबर हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के बारे में आपत्तिजनक बातें कही गई हैं, जो संविधान की धारा 295A और 153A जैसे कानूनों के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. अंजुमन ने यह भी तर्क दिया कि यह फिल्म भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 21 और 25 का भी उल्लंघन करती है, जो सभी नागरिकों को समानता, धार्मिक स्वतंत्रता और सम्मान के साथ जीने का अधिकार देते हैं.
साथ ही सुप्रीम कोर्ट के उस निर्देश का हवाला भी दिया गया जिसमें कहा गया है कि विचाराधीन मामलों में जनता की भावनाएं भड़काने से बचा जाए. मुस्लिम समाज की ओर से मांग की गई है कि फिल्म के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाई जाए. फिल्म के निर्माता, निर्देशक और प्रदर्शकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो. अगर फिल्म होती रीलीज भी होती है तो शहर में अतिरिक्त सतर्कता और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए.
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद के सचिव अब्दुल बातिन नोमानी ने मांग की कि वाराणसी के सिनेमा हॉलों को फिल्म प्रदर्शित करने से रोका जाए ताकि शांति बनी रहे. गौरतलब है कि शुक्रवार को जुमा की नमाज और सावन का पवित्र महीना एक साथ होने की वजह से प्रशासन के लिए अतिरिक्त सतर्कता जरूरी मानी जा रही है.