Iran, Ayatollah Ali Khamenei: आयतुल्ला अली खामेनेई पर ट्रंप ने ऐसा बयान दिया है कि ईरान भड़क गया है. विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने बयान जारी करते हुए ट्रंप को हिदायत दी है.
Trending Photos
Iran, Ayatollah Ali Khamenei: डोनाल्ड ट्रंप के जरिए ईरान के सुप्रीम लीडर आयतुल्ला अली खामेनेई पर तीखी टिप्पणी करने के एक दिन बाद अब ईरान के विदेश मंत्री का बयान आया है. उन्होंने साफ लफ्जों में कहा है कि ईरान किसी भी हालत में अपने सुप्रीम लीडर की तौहीन बर्दाश्त नहीं करेगा.
ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराक़ची ने कहा अगर ट्रंप सच में कोई समझौता चाहते हैं, तो उन्हें खामेनेई जैसे इज्जतदार नेता के लिए बेइज्जती और ना काबिले कबूल जुबान का इस्तेमाल छोड़ना चाहिए. अराक़ची ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा,"अगर राष्ट्रपति ट्रंप समझौते को लेकर वाकई संजीदा हैं, तो उन्हें ईरान के सुप्रीम लीडर, ग्रैंड आयतुल्ला खामेनेई के लिए बेइज्ज जारिहाना जुबान (अपमानजनक भाषा) बंद करनी चाहिए और उनके करोड़ों सच्चे अकीदमंदों की जज़्बात को ठेस पहुंचाना बंद करना चाहिए.उन्होंने आगे कहा:
उन्होंने आगे लिखा,"ईरानियों की पेचीदगी और सब्र की मिसाल हमारी मशहूर कालीनों (कार्पेट्स) में दिखती है, जिन्हें महीनों की मेहनत और सब्र से बुना जाता है. लेकिन, एक मुल्क तौर पर हमारी सोच बहुत सीधी है. हम अपनी कीमत जानते हैं, अपनी आज़ादी को अहमियत देते हैं, और कभी किसी और को अपने मुस्तकबिल का फैसला करने की इजाज़त नहीं देते."
ईरान और इज़राइल के बीच हालिया हमलों पर बोलते हुए अराक़ची ने कहा,"ईरानी अवाम ने दुनिया को दिखा दिया कि इज़रायली हुकूमत को भागकर 'अपने माई-बाप' (अमेरिका) के पास जाना पड़ा, ताकि वह हमारे मिसाइल हमलों से पूरी तरह बर्बाद होने से बच सके. उन्होंने साफ लफ्जों में कहा कि हम बेइज्जती को बिलकुल बर्दाश्त नहीं करते हैं.
आराक़ची ने वार्निंग देते हुए कहा कि अगर वहम में रहकर और भी बड़ी गलतियां की गईं, तो ईरान अपनी असली क्षमताओं को दिखाने में हिचकिचाएगा नहीं, और वह क्षमताएं किसी के भी भ्रम को हमेशा के लिए खत्म कर देंगी."
खामेनेई ने इससे पहले एक वीडियो बयान में कहा था कि ईरान ने अमेरिका को कतर में उसके सैन्य अड्डे पर हमला करके "चेहरे पर तमाचा" मारा है और चेतावनी दी थी कि आगे ऐसा कोई हमला न किया जाए.
लेकिन ट्रंप ने शुक्रवार को अपने एक पोस्ट में खामेनेई के सभी दावों को खारिज करते हुए लिखा था कि उसका देश तबाह हो गया, उसके तीन 'बुरे' परमाणु ठिकाने पूरी तरह नष्ट कर दिए गए. मुझे ठीक-ठीक पता था कि वह कहां छिपा है, और मैंने इज़रायल या अमेरिकी सेना - जो दुनिया की सबसे ताकतवर सेनाएं हैं - को उसकी जान लेने नहीं दी.
ट्रंप ने आगे लिखा मैंने उसे एक बहुत ही बुरी और अपमानजनक मौत से बचाया, और उसे मुझे धन्यवाद देने की जरूरत नहीं है, लेकिन सच तो बोलना चाहिए!