JDU on Waqf Bill: वक्फ बिल के समर्थन में जेडीयू ने वोट दे कर बुरी तरह फंस गई है. विपक्षी दलों के साथ अपने पार्टी के नेता भी इस फैसले से नाखुश हैं. इसीलिए डेडीयू ने पटना में आज एक प्रेस कॉंफ्रेंस की है. पूरी जानकारी के लिए नीचे स्क्रॉल करें.
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Waqf Update: वक्फ संशोधन बिल का नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने संसद के दोनों सदनों में समर्थन किया. जेडीयू के इस फैसल से मुस्लिम समाज का एक बड़ा तबका नाखुश है. खुद पार्टी के कई नेताओं ने इस फैसले का विरोध किया है. इसके बाद जेडीयू ने वक्फ बिल पर अपनी सफाई देने के लिए राजधानी पटना में एक प्रेस कॉंफ्रेंस की है.
इस प्रेस कॉंफ्रेंस में जेडीयू के वह नेता भी शामल थे, जो पार्टी के स्टैंड से खुश नहीं है. प्रेस कॉंफ्रेस में जेडीयू ने साफ कहा है कि वह मुसलमानों के अधिकारों के साथ मजबूती से खड़ी है, और वक्फ बिल पर जेडीयू ने सरकार को जो सुझाव दिए थे, वह इस बिल में शामिल किए गए हैं.
दरअसल, वक्फ बिल के समर्थन के बाद जेडीयू पर गंभीर सवाल उठने लगे थे, इस लिए पार्टी ने आज एक प्रेस कॉंफ्रेंस किया है. इस में पार्टी के दर्जन भर नता शामिल थे. पार्टी स्टैंड से नाखुस जेडीयू नेता गुलाम गौस, अशफाक करीम और शिया बोर्ड के चेयर मैंन अफजल अब्बास भी इस प्रेस वार्ता में मौजूद रहे हैं. हालांकि इन नेताओं ने प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान मीडिया के एक भी सवालों का ज्वाब नहीं दिया है, ना ही इन तीनों नेताओं को अपनी बातें रखने का मौका दिया गया. आब इस पर नीतीस की पार्टी बुरी तरह फंस गई है.
डेडीयू नेता अंजुम आरा ने काहा कि कुछ मुस्लिम संगठनों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने वक्फ बिल से जुड़े कुछ चिंताएं वयक्त की थी, उन्ही मुद्दें को उनकी पार्टी ने जेपीसी के सामने पेश किया था, और सरकार ने उसे जेडीयू के सुझावों को माना है.
वक्फ बिल पर सरकार ने जेडीयू के ये पांच सुझाव को माना
उन्होंने कहा कि जेडीयू ने संयुक्त संसदीय समिति के सामने पांच सुझाव रखा था, जिन्हें मान कर इस कानून में शामिल भी किया गया है. उन्होंने कहा कि जेडीयू ने सरकार को इस बिल पर सुझाव दी थी कि जिन जमीन का रजिस्ट्रेशन नहीं है, और उस पर मस्जिद या कब्रिस्तान है, तो उसे छेड़ा नहीं जाएगा. उन्होंने काहा कि जेडीयू मुसलमानों के हितों की रक्षा के लिए मजबूती के साथ खड़ी है.
गौरतलब है कि जेडीयू के स्टैंड से नाराज हो कर पार्टी के कई मुस्लिम नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है, और कई ने बागी तेवर दिखाए हैं. जेडीयू नेता मोहम्मद कासिम अंसारी, मोहम्मद शहनवाज मलिक, मोहम्मद तबरेज़ सिद्दीकी अलीग, एम. राजू नय्यर, और नदीम अख्तर ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. तो वहीं, जेडीयू के राष्टरीय सचिव गुलाम रसूल बलयावी और गुलाम गौस पार्टी के फैसले से नाखुश हैं, और विरोध जाहिर किया है.