सुरंग में कैद पाकिस्तान की लाइफलाइन...जिस जाफर एक्सप्रेस को आंतकियों ने किया हाइजैक, पहले भी हादसे का दर्द झेल चुकी है वो ट्रेन
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सुरंग में कैद पाकिस्तान की लाइफलाइन...जिस जाफर एक्सप्रेस को आंतकियों ने किया हाइजैक, पहले भी हादसे का दर्द झेल चुकी है वो ट्रेन

 Pakistan Train Hijack Latest Update: अप्रैल 2017 से पटरी पर दौड़ रही जफर एक्सप्रेस को मेकओवर साल 2003 में किया गया. 16 अप्रैल 2003 में पाकिस्तान के पूर्व PM मीर जफरुल्लाह खान जमाली ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था

सुरंग में कैद पाकिस्तान की लाइफलाइन...जिस जाफर एक्सप्रेस को आंतकियों ने किया हाइजैक, पहले भी हादसे का दर्द झेल चुकी है वो ट्रेन

Pakistan Train Hijack: पड़ोसी देश पाकिस्तान में पूरी ट्रेन को बीते 15 घंटों से हाईजैक कर रखा गया है. ट्रेन में 400 से ज्यादा लोग सवार है.  बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान की सबसे खास ट्रेनों में एक जाफर एक्सप्रेस ( Jaffar Express) को हाईजैक कर लिया है.  9 कोच वाले इस ट्रेन में आम लोग समेत 100 पाकिस्तानी सेना के जवान सवार है. जिस ट्रेन तो BLA ने निशाना बनाया उसकी गिनती पाकिस्तान के खास ट्रेनों में होती है.  हालांकि ये पहली बार नहीं है जब जफर एक्सप्रेस वारदात की शिकार बनी हो. आज ये ट्रेन बंदूक की नोक पर आंतकियों का बंधक बना हुआ है. आइए जानते हैं पाकिस्तान के लिए इस ट्रेन की अहमियत क्या है ?  

जफर एक्सप्रेस का पहला सफर  

अप्रैल 2017 से पटरी पर दौड़ रही जफर एक्सप्रेस को मेकओवर साल 2003 में किया गया. 16 अप्रैल 2003 में पाकिस्तान के पूर्व PM मीर जफरुल्लाह खान जमाली ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था. ट्रेन में चाइनजी कोच चलाए गए थे. पाकिस्तान में क्वेटा से पेशावर तक जाने वाली यह ट्रेन  रावलपिंडी होते हुए अपने सफर को पूरा करती है. 

क्या है जफर एक्सप्रेस की टाइमिंग  

 क्वेटा रेलवे स्टेशन से ट्रेन का प्रस्थान समय सुबह 09 बजे है और यह अगले दिन शाम 7 बजे पेशावर रेलवे स्टेशन पर पहुंचती है.  अपने सफर के दौरान यह ट्रेन रास्ते में कुल 40 स्टेशनों पर रूकती है.  कोलपुर, माछ, अब-ए-गम, सिबी, बख्तियाराबाद, डेरा मुराद जमाली, डेरा अल्लाह यार, जैकोबाबाद, शिकारपुर, समेत 40 स्टॉपेज के साथ यह ट्रेन अपनी मंजिल पर पहुंचती है.  

30 घंटे का सफर 

क्वेटा से पेशावर की 1600 किमी की दूरी तो ये ट्रेन 30 घंटे में पूरा करती है.  सफर के दौरान वो कई सुरंगों से गुजरती है. टनल से गुजरते वक्त ट्रेन की रफ्तार को धीमा कर दिया जाता है, जिसका फायदा उठाकर BLA ने जफर एक्सप्रेस को बंधक बना लिया.  जिस इलाके में ट्रेन को बंधक बनाया गया, वो पहाड़ी इलाका है.  बलूच लिबरेशन आर्मी ने बोलान के माशकाफ में गुडालार और पीरू कुनरी के बीच ट्रेन पर हमला किया, इस इलाके में ट्रेन 17 सुरंगों से होकर गुजरती है, जैसे ही जफर एक्सप्रेस टनल में पहुंची इसपर हमला कर दिया गया.  

पहले भी हो चुकी है हादसों की शिकार  

जफर एक्सप्रेस पहली बार निशाने पर नहीं आई है. इससे पहले भी कई बार इस ट्रेन को टारगेट किया जाता रहा है. अगर हादसों की बात करें  दो साल पहले  जाफर एक्सप्रेस में ब्लास्ट किया गया. 16 फरवरी 2023 को भी जाफर एक्सप्रेस में ब्लास्ट हुआ था, जिसमें 2 लोगों की मौत हो गई थी, ब्लास्ट की जिम्मेदारी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) ने ली थी.  इससे पहले  14 नवंबर 2024 को क्वेटा रेलवे स्टेशन पर ट्रेन ब्लास्ट में 26 लोगों की मौत हुई थी.   

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