Nagaland Government: नागालैंड सरकार ने भीख मांगने वाले बच्चों की पहचान कर उन्हें स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए एडवाइजरी जारी की है.
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Child Beggars in Nagaland: बुधवार को नागालैंड में स्कूल शिक्षा निदेशालय ने भीख मांगने में शामिल बच्चों की पहचान करने और उन्हें सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाने के लिए एक एडवाइजरी जारी है. इसके तहत उन बच्चों को स्कूलों में दाखिला कराया जाएगा, जो बच्चे सड़कों पर या कहीं भी भीख मांगते हैं.
जानकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा निदेशालय (Directorate of School Education) ने यह एडवाइजरी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) द्वारा भीख मांगने में गरीब, अशिक्षित बच्चों, महिलाओं और दिव्यांग व्यक्तियों के संरक्षण और पुनर्वास (rehabilitation) के लिए जारी एडवाइजरी के बाद जारी किया है.
ऐसे में स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान निदेशक शशांक प्रताप सिंह ने अपने एडवाइजरी में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), नगर परिषदों, नगर और ग्राम परिषदों, और आम जनता से ऐसे बच्चों के डिटेल्स शेयर करने के लिए कहा है. उन्होंने लोगों से ऐसे बच्चों की जानकारी चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 पर देने के लिए कहा ताकि उन बच्चों को नजदीक के सरकारी स्कूलों में दाखिला दिलाया जा सके.
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अधिकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग खास तौर पर 6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चों की पहचान करना चाहता है, जो स्कूल नहीं गए हैं या फिर गरीबी के कारण बीच में स्कूल को छोड़ना पड़ा. वहीं, 3 से 6 साल की आयु के ऐसे बच्चों की भी पहचान की जाएगी, जिनके माता-पिता भीख मांगते हैं और बच्चों का नहीं पढ़ा पा रहे हैं.
एनएचआरसी ने बताया कि साल 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में 4.13 लाख से ज्यादा भिखारी हैं. इनमें महिलाएं, बच्चे, ट्रांसजेंडर और बुजुर्ग शामिल हैं, जिन्हें खाने के लिए भीख मांगने का सहारा लेना पड़ता है.
इनपुट- एजेंसी